जागरण प्रभाव: सुधारी गई 28 वर्ष पहले की भूल, बस्ती जिले में शामिल होगा संतकबीर नगर का भरवलिया
वर्ष 1997 में हुई एक भूल को सुधारते हुए संतकबीर नगर का भरवलिया उर्फ टिकुइया गांव अब बस्ती में शामिल होगा। दैनिक जागरण द्वारा मामला उठाए जाने के बाद कमिश्नर अखिलेश सिंह ने कार्रवाई करते हुए शासन को पत्र लिखा। दोनों जिलाधिकारियों ने भी इसे जनहित में उचित बताया है। ग्रामीणों को खतौनी और प्रमाण पत्रों में परेशानी होती थी। बस्ती न्यूज़ में इस खबर से लोगों को राहत मिलेगी।

ब्रजेश पांडेय, बस्ती। जिला विभाजन के समय वर्ष 1997 की एक बड़ी भूल को प्रशासन ने सुधार लिया है। संतकबीर नगर जनपद का भरवलिया उर्फ टिकुइया अब बस्ती में शामिल हो जाएगा। बस्ती जनपद के 131 गांव और सिद्धार्थनगर के 161 गांवों को जोड़कर जब संतकबीर नगर बना तो सदर तहसील क्षेत्र का ग्राम पंचायत चकिया का राजस्व गांव भरवलिया उर्फ टिकुईया भूलवश संतकबीर नगर के धनघटा तहसील में चला गया था, जबकि जनपद के मूल नक्शे में यह गांव आज भी शामिल है।
यह मामला जब दैनिक जागरण ने प्रशासन के संज्ञान में लाया तो कई वर्षों से दबी पत्रावली बाहर आ गई। संज्ञान लेकर कमिश्नर अखिलेश सिंह ने त्वरित कार्रवाई कर दोनों जिलों से रिपोर्ट मंगाई।
मंडलायुक्त अखिलेश सिंह ने ग्राम भरवलिया उर्फ टिकुइया तप्पा कुदरहा, परगना महुली पश्चिम पोस्ट डिहुकपुरा तहसील धनघटा जिला संतकबीर नगर को जनपद बस्ती के तहसील बस्ती सदर में समायोजित करने के लिए शासन को पत्र लिखा है। दस्तावेज में बस्ती जनपद का नक्शा भी शामिल किया गया है।
अब आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश अनुभाग-9 लखनऊ द्वारा निर्णय लिए जाने के बाद 28 वर्ष पहले की गई भूल सुधर जाएगी। जिलाधिकारी बस्ती रवीश गुप्ता ने आयुक्त को अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा कि एक ही ग्राम पंचायत के दो राजस्व ग्राम बस्ती में तथा एक राजस्व ग्राम जनपद संतकबीर नगर में होने के कारण ग्राम भरवलिया उर्फ टिकुइया के निवासियों को असुविधा होती है।
इसे बस्ती में शामिल किया जाना शासकीय एवं जनहित में उचित है। जिलाधिकारी संतकबीर नगर ने भी इस प्रकरण पर अपनी रिपोर्ट आयुक्त को सौंपी। दैनिक जागरण ने पिछले 23 मई के अंक में दो जिलों के बीच फंसा भरवलिया उर्फ टिकुइया गांव शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था।
दो जून को संतकबीर नगर जिले के धनघटा विधान सभा क्षेत्र के विधायक गणेश चन्द्र चौहान ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था। 17 जून को मुख्य विकास अधिकारी को खंड विकास अधिकारी कुदरहा आलोक कुमार पंकज भी पत्र लिखा था। दोनों जिलाधिकारियों ने बदलाव के लिए अपनी संस्तुति कर दी है, जिसके आधार पर आयुक्त अखिलेश सिंह ने शासन को संज्ञानित किया है।
बता दें कि पिछले 30 मई को जिले में दो दिन भ्रमण पर आए विशेष सचिव श्रम कुणाल सिल्कू के सामने यह मामला प्रमुखता से उठा था। ग्रामीणों ने अवगत कराया था कि पूर्व में परिसीमन में विसंगति के कारण ग्राम वासियों के खतौनी, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र और पुलिस स्टेशन के कार्य संतकबीर नगर जनपद से होते हैं, जबकि विकास विभाग, डाक विभाग और अन्य कार्य बस्ती के विभागीय कार्यालयों से होता है।
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बेरोजगार बच्चों के भी सेवायोजना में कठिनाई होती है। दो जनपद से जारी अभिलेख के कारण उनकी नियुक्ति अथवा अभ्यर्थन को निरस्त कर दिया जाता है। कई बार इसके लिए प्रयास किए गए हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
इस मामले में पूछे जाने पर कमिश्नर अखिलेश सिंह ने कहा कि दैनिक जागरण ने जनहित के इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसे संज्ञान लेकर दोनों जिले की रिपोर्ट आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद को भेजी गई है। अब शासन स्तर से कार्यवाही होनी है।

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