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    UPPCL: 5 लाख का फर्जी बिल देख किसान को आया हार्टअटैक, आयोग पहुंचा... अब बिजली विभाग देगा 1.65 लाख रुपये जुर्माना

    बिजली विभाग पर किसान को फर्जी बिल भेजने पर जुर्माना लगाया गया है। विभाग को 1.65 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। आयोग ने बिजली बिल को निरस्त कर दिया है और कनेक्शन लगाने का आदेश दिया है। साथ ही किसान को हुए मानसिक और शारीरिक संत्रास के लिए 50 हजार रुपए इलाज में खर्च हेतु 1 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है।

    By vivek kumar mishra Edited By: Sakshi Gupta Updated: Wed, 22 Jan 2025 04:24 PM (IST)
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    फर्जी बिल के बदले किसान को मिलेगा मुआवजा। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, टिनिच (बस्ती)। किसान को फर्जी बिल भेजने के मामले में उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने जुर्माना लगाया है। अब पीड़ित किसान को 1.65 लाख रुपए जुर्माना का भुगतान करने का आदेश दिया गया है। 30 दिनों के अंदर उक्त राशि का भुगतान किया जाना है। यदि ऐसा नहीं होगा तो जुर्माने की राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी अदा करना होगा।

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    पूरा मामला गौर थाना क्षेत्र के बेलवाडाड़ गांव से जुड़ा हुआ है। गांव निवासी किसान महेश चंद्र यादव ने आयोग के अध्यक्ष अमरजीत वर्मा व सदस्य अजय प्रकाश सिंह की पीठ में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि उन्होंने निजी नलकूप लगवाने के लिए वर्ष 2017 में आवेदन किया था। जिसे बिजली विभाग ने स्वीकार कर लिया।

    किसान को 2022 में विभाग ने भेजा था 4 लाख का बिल

    विभाग ने नलकूप की लाइन नहीं जोड़ी थी। महेश ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि 20 जून 2022 को 4,10,255 रुपए का बिल उसे विभाग के द्वारा भेज दिया गया। उसी बिल पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया। इसके बावजूद दोबारा 6 अक्टूबर 2023 को 53,355 रुपए की दूसरी बिल महेश चंद्र यादव को बिजली विभाग ने भेज दिया।

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    ज्यादा बिल देखने के बाद किसान को पड़ा था दिल का दौरा

    किसान ने कहा कि इतना बिल आने के बाद उसे दिल का दौरा पड़ गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उनका इलाज अभी चल रहा है। विभाग के अधिकारियों को लिखित शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने आयोग का दरवाजा खटखटाया।

    आयोग ने बिजली विभाग की ओर से जारी बिल को निरस्त किया

    आयोग ने बिजली विभाग की ओर से जारी बिजली बिल को निरस्त कर दिया और कनेक्शन लगाने का आदेश विभाग को दिया गया है। इसके साथ ही परिवादी को हुए मानसिक व शारीरिक संत्रास के लिए क्षतिपूर्ति 50 हजार इलाज में खर्च हेतु 1 लाख रुपए, बाद व्यय हेतु 5 हजार रुपए, अधिवक्ता शुल्क 10 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है।

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