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    यूपी के इस शहर में अब डिजिटल होगी नॉन जेड ए जमीन, बनेगी खतौनी

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 01:22 PM (IST)

    बस्ती में अब नॉन जेड ए जमीनों का पूरा ब्यौरा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा और खतौनी बनाई जाएगी। राजस्व परिषद के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी ने एसडीएम सदर और तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंपी है। इन भूखंडों के फसली वर्ष 1429 1430 1431 व 1432 की खतौनी भी सुरक्षित की जाएगी। सदर तहसील क्षेत्र में कई जगहों पर नॉन जेड ए जमीन है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    ब्रजेश पांडेय, बस्ती। अब नॉन जेड ए जमीन का पूरा ब्यौरा तैयार किया जाएगा और उसे डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड कर खतौनी बनाई जाएगी। सभी भूखंडों का पूरा विवरण सुरक्षित किया जाएगा। इसके लिए राजस्व परिषद के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी ने एसडीएम सदर और तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंप दी है।

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    नॉन जेड ए लैंड यानी कि जमींदारी विनाश एरिया में ऐसी जमीन होती है, जो किसी विशेष क्षेत्र में नहीं आती है, या फिर किसी ऐसे क्षेत्र में होती है, जहां भूमि से संबंधित विशेष नियम-कानून नहीं लागू होते हैं। ऐसी जमीन ज्यादातर गुमनाम रहती है इसलिए इनका कोई अभिलेख भी मुश्किल से ही उपलब्ध हो पाता है।

    इन दिनों जिले के शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बहुत सारे भूखंड हैं, जिनका कोई लेखा-जोखा न तो सरकार के पास है और न ही भू-लेख में दर्ज हैं। ऐसी परिस्थितियों में जब कोई विवाद की स्थिति आती है तो प्रशासन व शासन को भी निर्णय लेने में असहजता होती है।

    इन विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए राजस्व परिषद ने कई बार दिशा-निर्देश जारी किए, लेकिन इस पर कोई खास पहल नहीं हो सकी। इधर तीन दिन पहले 22 सितंबर को राजस्व परिषद ने नॉन जेड ए खतौनी के डिजिटाइजेशन व कंप्यूटराइजेशन को लेकर वीडियो कांफ्रेंस किया और सभी जिलों को नॉन जेड ए जमीनों को पूरा ब्यौरा इकट्ठा करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया।

    राजस्व परिषद के नोडल अधिकारी राज कुमार द्विवेदी ने कहा है कि खेवट यानी खतौनी फीडिंग के लिए साॅफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है। अब पूरे प्रदेश में इसकी फीडिंग होनी है। राजस्व परिषद ने यह भी निर्देश दिया है कि इन भूखंडों के फसली वर्ष 1429, 1430, 1431 व 1432 की खतौनी भी सुरक्षित की जाए, क्योंकि खतौनी का आधार फसली वर्ष 1432 माना जाता है। साथ ही कहा है कि पूर्व के अभिलेखों को स्कैन कराने के लिए उनके पृष्ठों की संख्या का विवरण तैयार कर लिया जाए।

    राजस्व परिषद के निर्देश पर सीआरओ कीर्ति प्रकाश भारती ने एसडीएम सदर शत्रुहन पाठक व तहसीलदार विनय प्रभाकर को राजस्व परिषद की मंशा से अवगत कराते हुए जल्द से जल्द आगे की कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। निर्देश के बाद तुरकहिया में दो जगहों पर इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है।

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    सदर तहसील क्षेत्र में यहां है नॉन जेड ए जमीन

    अमहट उर्फ बैरिहवा, ओरीजोत, कटरा, गांव गोडिया, जयपुरवा, जामडीह पांडेय, जामडीह शुक्ल, तुरकहिया, नरहरिया जेड ए, पिकौरा बख्स, पिकौरा शिव गुलाम, पिकौरादत्तू राय, बभनगांवां, बेलवाडाड, बस्ती खास, मरवटिया राजा, महरीखांवा, रौतापार, लखनौरा नगर पालिका, लैबुड़वा, विशुनपुर, सिविल जेल, सिविल लाइन, सिविल स्टेशन

    शासन की मंशा के अनुरूप अब डिजिटल नान जेड ए जमीन की खतौनी तैयार कराई जा रही है।सदर तहसील क्षेत्र के शहर व गांवों से जुडी जमीन है। यह कार्य पूरा होने से न सिर्फ विवाद हल होंगे, बल्कि जमीन सुरक्षित हो जाएगी। एंटी-भूमाफिया, राजस्व वादों में सहूलियत होगी। इसके लिए सदर एडीएम और तहसीलदार को निर्देशित किया गया है।

    -कीर्ति प्रकाश भारती, मुख्य राजस्व अधिकारी, बस्ती