अकेले रह रहे 8600 बुजुर्गों का ऑपरेशन सवेरा बना सहारा, घर पर जाकर ले रहे हालचाल
बस्ती जिले में यूपी 112 के ऑपरेशन सवेरा ने अकेले रहने वाले 8600 से अधिक बुजुर्गों को सुरक्षा प्रदान की है। पुलिसकर्मी उनसे नियमित रूप से मिलते हैं उनका हालचाल पूछते हैं और जरूरत पड़ने पर मदद करते हैं। इस पहल से बुजुर्गों को मानसिक और भावनात्मक सहारा मिल रहा है जिससे वे अब अकेला महसूस नहीं करते।

स्कन्द कुमार शुक्ला, जागरण,बस्ती। पुलिस की आपात सेवा यूपी 112 का आपरेशन सवेरा ने जिले में अकेले रह रहे 8600 से अधिक बुजुर्गों के जीवन में सुरक्षा और भरोसे की नई किरण जगाई है। यह विशेष पहल बुजुर्गों को न सिर्फ इमरजेंसी सहायता उपलब्ध करा रही है, बल्कि उन्हें सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक सहयोग भी प्रदान कर रही है।
जिले में ऐसे बुजुर्ग जो एकदम अकेले रहते हैं, जिनके स्वजन दूर रहते हैं या जिनकी देखभाल के लिए कोई स्थायी सहारा नहीं है। आपरेशन सवेरा के तहत यूपी 112 के स्टाफ इन बुजुर्गों से नियमित संवाद, घर पर जाकर हालचाल पूछना, और जरूरत पड़ने पर तत्काल सहायता पहुंचा रहे हैं।
यूपी 112 के प्रभारी इंस्पेक्टर राणा देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि अभियान के तहत 31 अगस्त तक 8600 बुजुर्गों को पंजीकृत कर उनका नियमित कुशलक्षेम लिया जा रहा है। इस पहल से जुड़ चुके कई बुजुर्गों ने बताया कि पहले उन्हें असहायता और अकेलेपन का अनुभव होता था, लेकिन अब नियमित पुलिस संपर्क से उन्हें मानसिक बल व आत्मविश्वास मिल रहा है।
यूपी 112 ने आम नागरिकों, समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों से भी अपील की है कि यदि उन्हें अपने आसपास कोई बुजुर्ग अकेला, बीमार या असहाय दिखे, तो तुरंत यूपी 112 या नजदीकी थाने को सूचना देकर मानवता की सेवा कर सकते हैं।
अकेले रह रहे सिविल लाइन क्षेत्र निवासी सेवानिवृत्ति कर्मचारी ने सुरक्षा की वजह से नाम नहीं बताते हुए कहा कि उनके दो बेटे हैं। एक बेटा दिल्ली तो दूसरा यूसए में परिवार के साथ रह रहा है। वह अकेले घर रहते हैं। पत्नी का निधन हो चुका है।
75 वर्ष की अवस्था में दवा मंगाने के लिए पीआरवी 112 की मदद लेनी पड़ती है। शहर के न्यू प्रह्लाद कालोनी वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि उनकी बेटी-दामाद और एक मात्र बेटा बाहर रहता है।
ऐसे में अचानक एक दिन देर रात में पत्नी की तबीयत खराब हुई तो पीआरवी की मदद से चिकित्सक को दिखाया गया। कहा कि पड़ोसियों की अपेछा यूपी 112 की मदद आसानी से मिल जाती है।
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- हर बुजुर्ग को एक यूनिक कोड और पुलिस सहायता संपर्क नंबर प्रदान किया गया है।
- बीट प्रभारी, 112 पीआरवी और महिला हेल्पडेस्क कर्मी समय-समय पर संपर्क में रहते हैं।
- दवा, अस्पताल, मानसिक तनाव या अन्य जरूरतों में तत्परता से सहायता पहुंचाई जाती है।
- बुजुर्ग का समय से इलाज कर उनकीकी जिंदगी बचाने में यूपी 112 ने त्वरित कार्रवाई की है।
ऑपरेशन सवेरा सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि बुजुर्गों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक बन चुका है। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी बुजुर्ग अकेला या असुरक्षित महसूस न करे। आपरेशन सवेरा अब न सिर्फ एक सुरक्षा योजना है, बल्कि एक संवेदनशील सामाजिक पहल बनकर उभरा है, जो पुलिस और समाज के बीच विश्वास की एक नई मिसाल पेश कर रहा है।
:अभिनन्दन, पुलिस अधीक्षक, बस्ती
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