बस्ती कफ सीरप प्रकरण: एसआईटी ने जौनपुर-वाराणसी में की छापेमारी, रितिक गोयल पर लुकआउट नोटिस की तैयारी
बस्ती में कोडीन युक्त कफ सीरप के अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान तेज हुआ है। मुख्य आरोपित रितिक गोयल के विदेश भागने की आशंका पर उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस क ...और पढ़ें

रितिक गोयल के विदेश भागने की तैयारी पर खुफिया नजर, दो लोगों को कोर्ट से मिला स्थगन। जागरण
जागरण संवाददाता, बस्ती। कोडीन युक्त नशीली कफ सीरप के अवैध कारोबार के खिलाफ जिले में पुलिस और औषधि प्रशासन विभाग का अभियान तेज हो गया है। जिले में गोयल फार्मा के मालिक आरोपित रितिक गोयल, पार्टनर खुशबू गोयल पर पुरानी बस्ती थाने में केस दर्ज है। इनकी तलाश में बस्ती पुलिस की विशेष जांच टीम ने जौनपुर और वाराणसी के विभिन्न ठिकानों पर शुक्रवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की।
मुख्य आरोपित रितिक गोयल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अंदेशा है कि वह कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए विदेश भाग सकता है।
विशेष जांच टीम (एसआइटी) इस नेटवर्क से जुड़े अन्य दो लोगों और उनकी सप्लाई चेन का पता लगाने में जुटी है। मुख्य आरोपित की घेराबंदी करने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आरोपित के पासपोर्ट का विवरण जुटा लिया गया है और सभी एयरपोर्ट्स को अलर्ट करने के लिए लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने की कागजी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
जांच अधिकारियों का कहना है कि आरोपित के कुछ करीबी सहयोगी विदेश में सक्रिय हैं, जिसकी मदद से वह देश छोड़ने की योजना बना रहा है। एसआइटी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह वैध लाइसेंस की आड़ में नशीली सीरप की तस्करी कर रहा था।
जौनपुर और वाराणसी को इस अवैध व्यापार का मुख्य केंद्र बनाया गया था, जहां से पूर्वांचल के बस्ती समेत अन्य जिलों और बिहार की सीमा तक माल खपाया जा रहा था। आरोपित रितिक व खुशबू गोयल ने गिरफ्तारी के खिलाफ स्थगन आदेश ले रखा है। जबकि तीसरे आरोपित पंकज की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम की छापेमारी बाहर के जनपदों में लगातार जारी है।
यह है कोडीनयुक्त कफ सीरप का पूरा मामला
बस्ती: कोतवाली थाने में शहर के रहमतगंज तुरकहिया के फर्जी पते पर संचालित गणपति फार्मा व उसके संचालक पंकज और अन्य आरोपितों पर एफआईआर दर्ज है। इन्हीं धंधेबाजों को पकड़ने के लिए एसपी अभिनंदन ने एसआइटी गठित कर की है। एसआईटी की जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। गणपति फार्मा के मालिक का नाम पता सब फर्जी निकला।
नशीली दवाओं के इस संगठित अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है और लुकआउट नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर उसके जरिए आरोपित रितिक गोयल के भागने के सभी रास्ते बंद किए जा रहे हैं। आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया (कुर्की-जब्ती) व उनके ऊपर इनाम घोषित करने पर भी विचार किया जा रहा है। अन्य दो कारोबारियों का भी नाम सामने आ रहा है।
-सत्येन्द्र भूषण तिवारी, सीओ सिटी, नोडल अफसर एसआइटी, बस्ती

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