Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    सर्दी में 'साइलेंट किलर' बन सकती है पानी की कमी, BP और शुगर के मरीज जरूर पढ़ें ये खबर

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 10:38 PM (IST)

    सर्दी में कम पानी पीना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर बीपी और शुगर के मरीजों के लिए। इससे डिहाइड्रेशन, यूटीआई, किडनी स्टोन, रक्त गाढ़ा होना और ज ...और पढ़ें

    Hero Image

    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, बरेली। सर्दी में कहीं आप कम पानी पीने की बड़ी गलती तो नहीं कर रहे। अगर लग रहा है कि दिनभर में दो-तीन गिलास पानी पीने से ही काम चल जाएगा तो यह आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी में कम प्यास लगने, ठंडी हवा और भारी कपड़ों के कारण लोग पानी कम पीते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके चलते डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) बढ़ता है और यूरिन का रंग गहरा पीला हो जाता है, जलन होती है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) और किडनी स्टोन खतरा बढ़ता है, क्योंकि शरीर को पानी की जरूरत के बावजूद हम पानी कम पीते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस समस्या से बचने के लिए पर्याप्त पानी, हर्बल चाय पिएं और मूत्र के रंग पर ध्यान दें, क्योंकि यह डिहाइड्रेशन का आसान संकेत है।

    सर्दी में प्यास कम लगती है तो लोग घंटों पानी नहीं पीते। कभी-कभार तो लोग दिनभर में दो से तीन गिलास ही पानी पीकर काम चलाते हैं। जबकि चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के दिनों में कम से कम डेढ़ से दो लीटर पानी पीना चाहिए। थोड़ा गुनगुना पानी का सेवन फायदेमंद है क्योंकि कम पानी पीने से बीपी और मधुमेह के रोगियों को कई गुणा ज्यादा ही खतरा बढ़ जाता है।

    डिहाइड्रेशन के साथ ही खून के गाढ़ा होने और थक्के जमने से रक्त प्रभाव प्रभावित हो सकता है। इससे स्ट्रोक और हार्टअटैक की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा निर्जलीकरण से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी मूत्र विकार भी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि लोग सर्दी में भी पानी पीने को लेकर लापरवाही न बरतें।

    सीनियर फिजीशियन डा. डीपी शर्मा ने बताया कि पानी कम मात्रा में पीने से शरीर में नमक की मात्रा काफी बढ़ने लगती है। इससे ब्लड प्रेशर की दिक्कत भी बढ़ने लगती है। इसका काफी दुष्प्रभाव हमारे अंगों पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि सर्दी में भी पानी की कम न होने दें।

    पैथोलाजी की जांच में हर दिन मिल रहे यूरिन इंफेक्शन के मरीज

    जिला अस्पताल की पैथोलाजी में हर दिन खून और यूरिन से जुड़ीं करीब चार सौ जांचें हर दिन हो रही हैं। इसमें ओपीडी और भर्ती मरीज दोनों ही शामिल हैं। इसमें हर दिन यूरिन इंफेक्शन से 15-20 मरीज मिल रहे है। इसमें कई रोगियों के किडनी विकार के चलते प्रोटीन निकलने की भी दिक्कत सामने आ रहीं है। बताते है कि सर्दी में यूरिन से जुड़ीं बीमारियों के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। इसमें पानी की कम मात्रा में पानी की कमी बड़ी वजह बताई जा रही है।

    प्रतिदिन 70 से 80 मरीज करा रहे जोड़ों के दर्द का इलाज

    कम पानी पीने से जोड़ों के दर्द की दिक्कत भी बढ़ जाती है। जिला अस्पताल के अर्थोपेडिक सर्जन डा. संजीव सिंह ने बताया कि सर्दी में कम से कम आठ से 10 गिलास पानी तो पीना ही चाहिए, क्योंकि पानी की कम से हमारे जोड़ों में जो तरल होता है, उसमें कमी आ जाती है। यही कारण है कि ठंड के दिनों में लोगों में जोड़ों की दिक्कत काफी बढ़ जाती है। डा. सिंह ने बताया कि इस समय हर दिन हड्डी विकार के करीब 250 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। उसमें 70 से 80 मरीज जोड़ों में दर्द होने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

     

    यह भी पढ़ें- टिफिन में कैसा खाना मिलने पर पैरेंट्स को नोटिस भेज रहे बरेली के स्कूल? नियमों का उल्लंघन नहीं होगा बर्दाश्त