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    टिफिन में कैसा खाना मिलने पर पैरेंट्स को नोटिस भेज रहे बरेली के स्कूल? नियमों का उल्लंघन नहीं होगा बर्दाश्त

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 09:36 PM (IST)

    बरेली के विद्यालयों ने बच्चों के स्वास्थ्य पर फास्ट फूड के दुष्प्रभावों को देखते हुए टिफिन में फास्ट फूड लाने पर रोक लगा दी है। अमरोहा में एक बच्ची की ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बरेली: फास्ट फूड के बढ़ते सेवन से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभावों को लेकर जिले के विद्यालय अब सख्त हो गए हैं। हाल ही में अमरोहा में बच्ची की मौत की घटना के बाद इस विषय पर गंभीर मंथन शुरू हुआ है। इसी क्रम में जिले के कई निजी विद्यालयों ने टिफिन में फास्ट फूड लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। नियमों का उल्लंघन करने पर अब सीधे अभिभावकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।

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    फास्ट फूड खाने से छात्रा का निधन गंभीर मामला है। भारतीय भोजन पौष्टिक तत्वों का भंडार है। ऐसे मेें सभी को फास्ट फूड के सेवन से परहेज करना चाहिए। विद्यालयों में फूड स्टाल व कैंटीन में फास्ट फूड जमकर परोसा जा रहा है। सभी प्रबंधकों को इस विषय में ध्यान देने की जरूरत है। जिससे इस जहर से सभी को बचाया जा सके। - प्रियंका शुक्ला, जिला अध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

    फास्ट फूड के नुकसान के बारे में बच्चों को नियमित रूप से जागरूक किया जाता है, लंच के समय क्लास टीचर बच्चों को फास्ट फूड लाने के लिए मना करते हैं, वहीं यदि कोई बच्चा इसे अपने टिफिन में लेकर आता है तो उसके माता-पिता को इस संबंध में नोटिस दिया जाता है बच्चे की डायरी में लिखकर उन्हें स्वास्थ्याप्रद भोजन देने के लिए कहा जाता है। –प्रीतपाल सिंह बग्गा, डायरेक्टर व्यास वर्ल्ड स्कूल

    फास्ट फूड के नुकसान के प्रति माता-पिता व शिक्षक बच्चों को समय-समय पर बताते रहें। परिषदीय विद्यालयों में पौष्टिक भोजन मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत परोसा जा रहा है। विद्यालयों में बच्चे किसी भी हाल में फास्ट फूड खाने से परहेज करें, इसके लिए शिक्षक व अभिभावक दोनों को प्रयास करना होगा। –डा. विनीता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

    सभी बच्चे टिफिन में घर का बना हुआ स्वस्थ भोजन शामिल करें। इसके लिए बच्चों व पेरेंट्स दोनों को ध्यान देने की जरूरत है। फास्ट फूड अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसे सभी सीबीएसई स्कूल बैन करें। परस्पर चर्चा व जागरूकता से ही इस पर रोक लगाई जा सकती है। –ममता सक्सेना, सीबीएसई समन्वयक बरेली

    फास्ट फूड सुबह छह बजे ही टिफिन में पैक कर दिया जाता है, जो की दोपहर में एक बजे खाने पर पौष्टिक नहीं रह जाता है। स्कूल में फास्ट फूड बैन किया गया है। स्कूल में टीचर की यह ड्यूटी है कि बच्चे फास्ट फूड ला रहे हैं तो अभिभावक को नोटीफाई करें। बच्चे टिफिन का भोजन अच्छे से पूरा खाएं। बच्चों के लिए पौष्टिकता जरूरी है। -राजेश जौली, प्रबंधक, जीआरएम स्कूल।