जमीन कब्जा कराने में IPS Anurag Arya ने की कार्रवाई, बारादरी इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित; 35 पर FIR
जमीन कब्जा कराने में एसएसपी ने पुलिस की भूमिका की जांच के बाद कार्रवाई की है। बारादरी इंस्पेक्टर समेत तीन को पुलिसवालों को निलंबित किया है। वहीं 35 पर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बरेली। निलंबित लेखपाल ने बारादरी पुलिस से सेटिंग कर बेंत कारोबारी की जमीन के पांच बैनामे कराकर कब्जा करा दिया। उसमें कुछ अनुसूचित जनजाति के लोगों को ठहराया। जिससे आगे कोई विवाद हो तो एससी एसटी की प्राथमिकी लिखाई जा सके। इस पूरे खेल में बारादरी पुलिस और दो चौकी इंचार्ज की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई।
एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी मानुष पारीक को सौंपी। जांच के बाद एसपी सिटी के आदेश पर पीड़ित मोहम्मद इलयास के शिकायती पत्र पर पांच नामजद समेत 35 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई है।
शनिवार देर रात एसएसपी अनुराग आर्य ने बारादरी इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सैटेलाइट चौकी प्रभारी राजीव कुमार शर्मा व हेड कांस्टेबल अनिल कुमार को निलंबित कर दिया है।
एसपी को दी पीड़ित ने जानकारी
आकाशपुरम निवासी मोहम्मद इलयास ने एसपी सिटी को बताया कि 28 अप्रैल 2003 को उन्होंने राकेश व राजेश भसीन आदि से अपनी पत्नी शाहीन सगीर के नाम से नवादा शेखान में एक जमीन खरीदी थी। खतौनी में भी उनका नाम दर्ज हो गया, निर्माण कार्य करने को उन्होंने सभी विभागों से एनओजी भी ली। इसके वहां उन्होंने अपनी बेंत का कारोबार और एक नर्सरी खोली। कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने जीएसटी रजिस्ट्रेशन, बिजली कनेक्शन आदि भी करा लिए।
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एसपी सिटी मानुष पारीक।
निलंबित लेखपाल ने किया खेल
आरोप है कि इसी बीच निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल, मुरादाबाद में कांठ रोड निवासी अमित कुमार, पीलीभीत के नई बस्ती निवासी चंदन खां, मुरादाबाद के कटघर निवासी अंकित त्रिपाठी की नजर उनकी जमीन पर पड़ गई। इसके बाद आरोपितों ने उसे कब्जाने का सिलसिला शुरू कर दिया। आरोप है कि आरोपितों ने पहले तो जमीन को सस्ते दामों में बेचने की बता ही। इससे बात नहीं बनी तो आरोपितों ने अपने 25-30 अज्ञात लोगों के साथ कई बार डराने धमकाने का भी प्रयास किया।
फर्जी दस्तावेज बनाकर करा दिए बैनामे
आरोप है कि आरोपितों ने पिछले वर्ष 24 व 25 अक्टूबर को फर्जी दस्तावेज तैयार कर नवाबगंज के वसीनगर निवासी रेनू नाम की महिला को खड़ा करके उस जमीन के पांच बैनामे करा दिए। आरोप है कि इस जमीन को रेनू की पैतृक जमीन बताई गई। जबकि न उसका न ही उसके पति का उसमें कोई जिक्र है। इलयास ने एसपी सिटी को बताया कि उन्होंने उस जमीन को बीडीए अप्रूव भी कराया था। इसके बाद भी आरोपितों ने उनकी जमीन के बैनामे कराकर कब्जा कर लिया। इसके बाद एसपी सिटी ने मौके पर जाकर जांच की और निलंबित लेखपाल सावन कुमार जायसवाल, अमित कुमार, चंदन खां, अंकित त्रिपाठी, रेनू व 30 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी की है।
पुलिस की भूमिका मिली संदिग्ध
पुलिस के अनुसार इस पूरे खेल में बारादरी पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध मिली। इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने ही उस जमीन पर कब्जा कराया था। मामले की जांच रिपोर्ट के बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने बारादरी इंस्पेक्ट सुनील कुमार समेत तीन को निलंबित कर दिया है।
इस तरह से कराया गया कब्जा
एसपी सिटी की जांच में पता चला है कि, पीड़ित पक्ष ने पहले समाधान दिवस में आरोपितों की शिकायत की थी तो उन्हें थाने आने को कहा। इसके बाद आरोपितों से सेटिंग हुई और बारादरी पुलिस ने पीड़ित पक्ष को थाने बुलाकर उन्हें पूरी रात थाने में बैठाया। किसी को शक न हो या कागजी कार्रवाई में न फंसे इसलिए दूसरे पक्ष के भी लोगों को बैठाया। अगले दिन चालान करके छोड़ा। इसी बीच वहां पर कब्जा करा दिया गया।
लेखपाल समेत तीन अन्य पर बारादरी थाने में ही एक और प्राथमिकी
निलंबित होने के बाद लेखपाल ने जमीनों पर कब्जा करने का मानों सिलसिला शुरू कर दिया। एक प्राथमिकी पंजीकृत होने के बाद एसपी सिटी के पास दूसरी पीड़ित नुसरत जहां भी पहुंच गई। उन्होंने बताया कि नवादा शेखान में ही उनका एक प्लाट है। जो उन्हीं के नाम हैं। वह उस पर निर्माण कार्य करना चाहती हैं, लेकिन नवादा शेखान निवासी सुनील कुमार, निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार और रामपुर के ज्वाला नगर निवासी दीपक कुमार की उस प्लाट पर बुरी नजर पड़ गई।

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आरोप है कि आरोपितों ने उनका निर्माण कार्य रुकवा दिया। बहुत परेशान किया इसके बाद वह कोर्ट चली गई वहां से कोर्ट ने उन्हीं के हक की बात कही। इसके बाद भी आरोपित उन्हें निर्माण कार्य नहीं करने दे रहे हैं। मामले में एसपी सिटी के आदेश पर तीनों के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत की गई है।

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