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    मौत के मुंह से वतन वापसी: रोजी-रोटी की तलाश में फंसे थे किर्गिस्तान, अब अपनों के बीच लौटे पीलीभीत के 9 युवा

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 11:55 PM (IST)

    पीलीभीत के 12 लोग रोजी-रोटी की तलाश में किर्गिस्तान गए थे, जहां एक एजेंसी संचालक ने उनसे पांच-पांच लाख रुपये लेकर उन्हें फंसा दिया। केंद्रीय राज्यमंत् ...और पढ़ें

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    व‍िदेश से वापस लौटे पीलीभीत के युवक

    जागरण संवाददाता, बरेली। मेहनत, मजदूरी करने ठेकेदार के साथ किर्गिस्तान गए पीलीभीत के 12 लोग वहीं फंस गए थे। उनके स्वजन ने केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद से मदद मांगी तो उन्होंने उनके वापसी के प्रयास शुरू कर दिए। इनमें से नौ लोगों के टिकट की व्यवस्था कराई, जो शनिवार को बरेली पहुंच गए। जितिन प्रसाद के प्रतिनिधि किसान नेता देव स्वरूप पटेल ने पुराना बस अड्डा पर उनसे मुलाकात की।

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    भरोसा दिलाया कि जल्द ही तीन अन्य लोगों को भी वापस बुला लिया जाएगा। शेष तीन लोगों की वापसी के बाद सभी का पीलीभीत में सम्मान किया जाएगा। पीलीभीत के विभिन्न गांवों के लोग एक एजेंसी के माध्यम से रोजी-रोटी की तलाश में किर्गिस्तान गए थे। किराये पर रह रहे एजेंसी संचालक विजय चौधरी ने उनसे पांच-पांच लाख रुपये भी लिए थे।

    किर्गिस्तान में कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन बाद में वहां एजेंसी का काम देखने वाला उन्हें छोड़कर गायब हो गया। इनके स्वजन ने 10 दिसंबर को किसान नेता देव स्वरूप पटेल को अवगत कराया तो उन्होंने संबंधित लोगों के परिवार के सदस्यों को बुलाकर उनका संदेश वाट्सएप पर केंद्रीय मंत्री को भेजा था।

    समस्या को गंभीरता से लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री ने पीलीभीत के भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, किसान नेता देव स्वरूप पटेल के साथ पीड़ितों के स्वजन को दिल्ली बुलाकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में वार्ता की। उनके सामने ही अपने अधिकारियों के माध्यम से किर्गिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता की थी।

    उन्होंने आश्वस्त कर दिया था कि 24 से 30 दिसंबर तक सभी लोग घर वापस लौट आएंगे। किर्गिस्तान के अधिकारियों ने 22 दिसंबर को सभी के पासपोर्ट और वीजा उन्हें उपलब्ध करा दिए। किर्गिस्तान से 24 दिसंबर को पीलीभीत के नौ लोगों का भारत आने का टिकट करा दिया गया जो 26 दिसंबर को सुबह 5:00 बजे मुंबई एयरपोर्ट पहुंच गए।

    मुंबई से दिल्ली एवं मथुरा अलग-अलग रूट से ट्रेन से 27 दिसंबर की सुबह बरेली आ गए। बरेली पहुंचने पर किसान नेता देव स्वरूप पटेल ने उनसे मुलाकात कर की। उन्होंने बताया कि जिरोनिया के मजरा सेमर गोटिया के हरिशंकर, भूड़ा पिपरिया के रामासरे, बैजू नागर के श्याम चरन का अभी टिकट नहीं हो पाया है, उनके वीजा पासपोर्ट उन्हें उपलब्ध कर दिए गए हैं।

    तीनों पीलीभीत निवासियों को किर्गिस्तान से अभिलंब घर बुलाने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद लगातार प्रयास कर रहे हैं, तीनों लोगों की 30 दिसंबर तक वापसी हो जाएगी। उन्हाेंने यह भी कहा कि पीलीभीत क्षेत्र में ही केंद्रीय राज्यमंत्री लघु एवं वृहद उद्योग लगवाने के प्रयास कर रहे हैं, किसी को रोजी-रोटी के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।

    किर्गिस्तान से वापस लौटे लोगों कहना था कि कोई भी विदेश में किसी प्राइवेट व्यक्ति, एजेंसी के लोगों के झांसे में आकर काम करने न जाए। किसी को कभी पढ़ाई लिखाई के बाद किसी कार्य को विदेश जाना होता है तो वह विदेश मंत्रालय के अंतर्गत सरकारी नियम के अनुसार सरकारी लोगों के माध्यम से ही जाएं जिससे कोई विदेश में न फंसे और ठगी का शिकार न होने पाए।

     

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