बरेली के 'सिंघम': कैसे IPS अनुराग आर्य ने एक दिन में धो डाला 'दंगा सिटी' का कलंक
बरेली में 26 सितंबर को 'आई लव मोहम्मद' जुलूस के बाद भड़की हिंसा को आईपीएस एसएसपी अनुराग आर्य ने अपनी टीम के साथ मिलकर तुरंत नियंत्रित किया। उन्होंने ल ...और पढ़ें

26 सितंबर को हुए दंगे में श्यामगंज चौराहे पर दंगे में खुद एसएसपी अनुराग आर्य ने हाथ में लाठी लेकर मोर्चा संभाला। फाइल फोटो
अनूप गुप्ता, जागरण, बरेली। दंगा कैसे रुकता है, यह बरेली वाले मौलाना से पूछ लो, दंगाइयों का हाल मौलाना जैसा ही होगा.. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बीते दिनों विधानसभा में यह संबोधन उपद्रव फैलाने वालों के लिए बड़ा संदेश था। मुख्यमंत्री का कुछ ऐसा ही इशारा आइपीएस एसएसपी अनुराग आर्य ने भी समझ लिया और उनकी मंशा के मुताबिक पल भर में बरेली के माथे से ‘दंगा सिटी’ का दाग मिटा दिया।
26 सितंबर को नावेल्टी चौराहा और श्यामगंज पर दंगाइयों से मोर्चा लिया। हाथ में लाठी लेकर दंगाइयों को दूर तक खदेड़ आए। भीड़ को सोचने का भी मौका नहीं दिया। उनका डंडा सिर्फ यही नहीं थमा। इसके बाद दंगाइयों को चिह्नित कर प्राथमिकी लिखाई। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा और समय से मुकदमों में चार्जशीट लगवाई। मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक उपद्रव की साजिश रचने वालों को आर्थिक चोट भी पहुंचाई।
आइ लव मोहम्मद को लेकर कानपुर से उठी विरोध की गूंज, बरेली में हंगामे का शोर बनते हुए हिंसा और उपद्रव के मुहाने पर खड़ी हो गई। वैसे उपद्रव और बवाल के कई दिन पहले से ही गोपनीय सूचनाओं से पुलिस अधिकारियों के माथे ठनक रहे थे। शायद यही वजह थी कि एसएसपी अनुराग आर्य पुलिस अधिकारियों की टीम के साथ अंदरखाने कुछ बड़ी अनहोनी की आशंका को लेकर चक्रव्यूह तैयार करने में जुटे थे, ताकि कोई उपद्रव या हिंसा की स्थिति पैदा हो तो उसे पूरी सख्ती और तेजी के साथ रोका जा सके।
इन्हीं सब को भांपते हुए आइ लव मोहम्मद के जुलूस को लेकर कोई अनुमति नहीं दी गई। इसके बावजूद 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल (आइएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के आह्वान पर सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए। चूंकि एसएसपी टीम के साथ मुस्तैद थे। माहौल बिगड़ते देख उन्होंने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लाठियां फटकारने पर भीड़ तितर-बितर हुई और दंगाई भाग खड़े हुए। तभी सूची श्यामगंज चौराहा से आई। सैकड़ों लोग सैलानी की ओर से नारेबाजी करते हुए श्यामगंज की ओर आ गए हैं।
इसके बाद जो कुछ हुआ, वह जितना हैरान करने वाला था, उतना ही खौफनाक भी। इस घटना को लेकर जो वीडियो सामने आए, उसमें दंगाई पुलिस वालों पर पथराव करते दिखाई दे रहे थे। जिस तरह से कई घरों में हथियारों के जखीरे मिले और पथराव को लेकर योजना दिखाई दी, उससे लगा कि उपद्रव कराने की पूरी तैयारी थी।
पुलिस के चक्रव्यूह के आगे टूटे गए थे उपद्रवियों के हौसले
आइ लव मोहम्मद के जुलूस को लेकर पुलिस कई दिनों से प्लानिंग के लिए हर समय पसीना बहा रही थी। लंबी तैयारियों के बाद निचोड़ में जो चक्रव्यूह तैयार किया गया, उसके आगे उपद्रवियों के हौसले पस्त हो गए। हालांकि इसके बाद जुम्मे की नमाज के बाद हुए बवाल के दौरान 10 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए थे और एसपी सिटी मानुष पारीक को भी मामूली चोटें आईं थीं।
जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी उपद्रव करने वाली भीड़ पर 20 से ज्यादा आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान चार दर्जन से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया गया। बवाल की शुरूआत खलील तिराहे से हुई गलियों और छतों से पथराव के साथ बवालियों ने यहां भी फायर किए। इस पर एसपी सिटी ने लाठी चार्ज किया।
कुमार टाकिज के पास एसपी नार्थ मुकेश चंद्र ने भीड़ को संभाले रखा था लेकिन जब वहां भी लोग बेकाबू हुए तो वहां भी पुलिस ने फौरी कार्रवाई करते हुए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़कर परिस्थितियों को बिगड़ने से बचा लिया। इधर, एसपी सिटी जब नौमहला मस्जिद पहुंचे तो कुछ देर बाद बारादरी की ओर से आई भीड़ बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास करने लगी।
इस पर बवालियों को कने के लिए एक बार फिर से लाठीचार्ज किया गया। इतना ही नहीं, आजमनगर से आए तमाम उपद्रवी कुमार टाकीज के पास आए तो पुलिस ने वहां भी पूरी सख्ती दिखाई और लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले छोड़ने की कार्रवाई पूरी मुस्तैदी से की।
मुकदमों की संख्या-10
- गिरफ्तारियां मौलाना तौकीर सहित : 92
- सभी मामलों में दाखिल चार्जशीट : 10
- उपद्रव का दिन : 26 सितंबर
एसएसपी वर्ष 2025 के अपराध नियंत्रण के जारी किए आंकड़े
- जिले में 102 अपराधियों पर हाफ एनकाउंटर की कार्रवाई की गई
- एक लाख के इनामी कुख्यात अपराधी का फुल एनकाउंटर किया गया
- 200 से अधिक बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली गई
- 280 बदमाशों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई
- 25 से ज्यादा मामलों में गैंगस्टर एक्ट लगाया गया

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