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    बरेली में गैंगस्टर का काला कारोबार: मनोज-प्रणय गिरोह की 22 बेनामी शराब दुकानें शक के घेरे में!

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 12:22 AM (IST)

    बरेली में गैंगस्टर मनोज जायसवाल और प्रणय अनेजा गिरोह के सदस्यों पर पुलिस की नजर है। मनोज जायसवाल के लाइसेंस निलंबित होने के बाद, उसने करीबियों के नाम ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, बरेली। टैक्स चोरी के आरोपित गैंग्स्टर मनोज जायसवाल व प्रणय अनेजा गिरोह के 'छिपे सदस्य' भी पुलिस के निशाने पर हैं। चार वर्ष पहले मनोज जायसवाल के तीन लाइसेंस निलंबित होने के बाद उसने अपने करीबी लोगों के नाम पर शराब की दुकानें लेनी शुरू कर दीं। जिले में ऐसी 22 दुकानें होने की आशंका पर आबकारी विभाग ने जांच की तैयारी कर ली है।

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    मंगलवार को जिला आबकारी अधिकारी हुकुम सिंह कहा कि सभी दुकानों की जांच कराएंगे, उसमें यदि गड़बड़ी की पुष्टि हुई तो कार्रवाई की जाएगी। दुकानें किसके नाम आवंटित हुईं, उनका संचालन कौन कर रहा, उनके पीछे आवंटी के स्थान पर कोई माफिया तो नहीं, ऐसे कई बिंदु जांच में शामिल किए जाएंगे।

    चार साल पहले सहारनपुर में टपरी डिस्टलरी से टैक्स चोरी कर शराब बिक्री का प्रकरण सामने आया था। उसमें सहारनपुर पुलिस ने जांच में पाया कि 35 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई। नौ दिसंबर को सहारनपुर में प्रकरण के आरोपित फैक्ट्री के एमडी प्रणय अनेजा, बरेली के ग्रीन पार्क निवासी मनोज जायसवाल, उसके भाई नीरज जायसवाल समेत 27 के विरुद्ध गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

    गैंगस्टर में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने उल्लेखित किया कि आरोपितों ने अवैध कमाई से संपत्ति को एकत्र किया। मनी लांड्रिंग की आशंका भी जताई। उसके बाद से सहारनपुर पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। मनोज जायसवाल ने माडल टाउन में भी ठिकाना बना रखा था परंतु, गैंग्स्टर की प्राथमिकी होने के बाद से गायब है। उसके विरुद्ध वर्ष 2021 में बारादरी थाने में भी मुकदमा हुआ था।

    उस पर आरोप था कि एक ट्रक शराब अवैध तरीके से सहारनपुर से मंगवाई, जिसमें उसके डाउनटाउन व तमाशा बार में खपाने की तैयारी थी। उस प्रकरण की जांच लखनऊ एसआइटी करने लगी परंतु, स्थानीय स्तर पर भी नकेस कसी गई थी। आबकारी विभाग ने उसके दोनों बार और शराब की एक दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया था।

    उसके अवैध डाउनटाउन बार को बरेली विकास प्राधिकरण ने ढहा दिया था। उसके बाद से मनोज ने खुले तौर पर बरेली में शराब का कारोबार बंद कर दिया परंतु, परोक्ष रूप से लिप्त रहा। कई शराब कारोबारियों का कहना हैं कि लाइसेंस निरस्त होने के बाद मनोज, प्रणय अनेजा और उसके गैंग ने बरेली में कई अन्य लोगों के नाम पर इंवेस्ट किया।

    क्या था पूरा मामला एक नजर में समझिए

    मार्च 2021 में सहारनपुर स्थित फैक्ट्री में एक गेटपास से दो ट्रक शराब निकाली गई थी। इसमें एक ट्रक हरुनगला क्षेत्र में मिला था। उस समय एसओजी ने ट्रक पकड़ा तो चालक संजय संतोषजनक जवाब नहीं दे सका था। पुलिस की जांच में सामने आया कि शराब की 1415 पेटियों को अवैध तरीके से लाया गया था।

    इसी आधार पर मनोज जायसवाल एवं ट्रक चालक संजय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। दूसरी ओर, सहारनपुर में भी कार्रवाई की गई। सहारपुर में कार्रवाई के बाद बरेली के बारादरी थाने में दर्ज मुकदमे को एसआइटी लखनऊ को ट्रांसफर कर दिया गया था। अब उसी प्रकरण में मनोज समेत 27 के विरुद्ध सहारनपुर के देहात कोतवाली में गैंग्स्टर की कार्रवाई की गई है।

     

    मनोज जायसवाल, प्रणय अनेजा गिरोह की बरेली में शराब के काम की आशंका के चलते दुकानों की जांच कराएंगे। यदि कोई भी खामी मिलती है तो संबंधित का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

    - हुकुम सिंह, जिला आबकारी अधिकारी


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