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    अवैध शराब की काली कमाई से 'व्हाइट कॉलर' साम्राज्य! मनोज जायसवाल, प्रणय अनेजा समेत 27 पर शिकंजा

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 03:26 PM (IST)

    बरेली में अवैध शराब के काले कारोबार से जुड़े मनोज जायसवाल, प्रणय अनेजा समेत 27 लोगों पर शिकंजा कसा गया है। इन पर 'व्हाइट कॉलर' अपराध के तहत कार्रवाई क ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, बरेली। शराब कारोबारी मनोज जायसवाल टपरी की अवैध शराब को अपने बार में खपाता था। उसके एक बार डाउनटाउन को बीडीए की टीम ने ध्वस्त भी किया था, जबकि उसके दो बार और एक दुकान का लाइसेंस आबकारी ने निरस्त कर दिया था। हालांकि, इसके बाद दूसरे जिलों में मनोज ने अपना काम शुरू किया, लेकिन इस बीच करोड़ों का साम्राज्य बरेली जिले में खड़ा कर लिया। इसी का साथी प्रणय अनेजा की भी बरेली में कोठी, होटल, माल समेत अरबों की संपत्तियां हैं।

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    गैंग्स्टर की कार्रवाई के बाद अब आरोपितों की यह सभी संपत्तियां रडार पर आ चुकी हैं। सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी से अवैध शराब से 35 करोड़ की एक्साइज चोरी के मामले में बरेली के शराब कारोबारी मनोज जायसवाल, उसका भाई नीरज जायसवाल, सीबीगंज निवासी अश्वनी उपाध्याय समेत आस-पास के जिलों के लोगों को मिलाकर कुल 27 लोगों के विरुद्ध गैंग्स्टर की कार्रवाई की गई।

    इसमें अनेजा ग्रुप का प्रणय अनेजा भी शामिल है। इन सभी ने अवैध कमाई से बरेली में अरबों करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया। प्रणय अनेजा ने बरेली के माडल टाउन में अपनी एक कोठी, होटल, माल, समेत तमाम संपत्तियां बनाई। कुछ अपार्टमेंट बनाकर बेच भी दिए, लेकिन अब इन सभी का हिसाब के लिए इनका चिह्नीकरण शुरू किया जा रहा है।

    गैंग्स्टर एक्ट की कार्रवाई के बाद सहारनपुर पुलिस ने एक तरफ जहां गिरफ्तारी को टीमें लगाई हैं वहीं, दूसरी ओर संपत्ति चिह्नीकरण की भी कार्रवाई को तेज कर दिया है जिससे आरोपितों को राहत न मिल सके। वहीं, बताया जा रहा है कि कार्रवाई के बाद सभी आरोपित हाईकोर्ट से स्टे लेने के लिए चले गए हैं।

    पुलिस की तैयारी है कि स्टे से पहले ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए। इतना ही नहीं, मनोज जायसवाल ने भी बरेली में अपनी कई संपत्तियां खड़ी कर ली हैं। राजस्व की टीम की जांच में सभी संपत्तियों का ब्यौरा सामने आएगा। वहीं, दूसरी ओर वर्ष 2021 में मुकदमा लिखने के बाद आबकारी ने मनोज के दो बार डाउन टाउन, तमाशा और किला स्थित एक दुकान का लाइसेंस निरस्त किया था।

    एक कद्दाबर मंत्री का करीबी अश्वनी उपाध्याय भी फरार

    सपा-बसपा की सरकार में मंत्री पद पर रहे पूर्वांचल के एक कद्दावर नेता का करीबी अश्वनी उपाध्याय को भी मनोज जायसवाल के गैंग में शामिल किया गया है। उसके विरुद्ध भी गैंग्स्टर का मुकदमा पंजीकृत है। पुलिस की टीमें उसे दबोचें इससे पहले ही वह भी फरार हो गया है। बताया जा रहा है सहारनपुर पुलिस ने सभी आरोपितों के नंबर भी सर्विलांस पर डाल दिए हैं।

    क्या था पूरा मामला एक नजर में समझिए

    मार्च 2021 में सहारनपुर स्थित फैक्ट्री में एक गेटपास से दो ट्रक शराब निकाली गई थी। इसमें एक ट्रक हरुनगला क्षेत्र में मिला था। उस समय एसओजी ने ट्रक पकड़ा तो चालक संजय संतोषजनक जवाब नहीं दे सका था। पुलिस की जांच में सामने आया कि शराब की 1415 पेटियों को अवैध तरीके से लाया गया था।

    इसी आधार पर मनोज जायसवाल एवं ट्रक चालक संजय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। दूसरी ओर, सहारनपुर में भी कार्रवाई की गई। सहारपुर में कार्रवाई के बाद बरेली के बारादरी थाने में दर्ज मुकदमे को एसआइटी लखनऊ को ट्रांसफर कर दिया गया था। अब उसी प्रकरण में मनोज समेत 27 के विरुद्ध सहारनपुर के देहात कोतवाली में गैंग्स्टर की कार्रवाई की गई है।

    गैंग्स्टर में यह लोग नामजद

    ग्रीन पार्क निवासी शराब कारोबारी मनोज जायसवाल, उसके भाई नीरज जायसवाल, प्रणय अनेजा, आयुक्त जगराम पाल, बरेली निवासी अश्वनी कुमार उपाध्याय, गांव बल्लिया निवासी अजय जायसवाल एवं मनीष, शाहजहांपुर निवासी अरविंद कुमार वर्मा, बदायूं निवासी प्रदीप गुप्ता, कुशीनगर निवासी उपेंद्र गोविंद राव एवं हरिशरण तिवारी, प्रदीप कुमार, अरविंद कुमार, संजय कुमार, मांगेराम त्यागी, जय भगवान शर्मा, गलशेर, अशोक कुमार, वीरेंद्र शंखधर, सत्यवान शर्मा उर्फ सत्यभान, संतलाल, अशोक दीक्षित, रविंद्र, राकेश कुमार चतुर्वेदी, टीएस सोमशेखर, कुलदीप सिन्हा को नामजद किया गया है।

     

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