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    मनोज जायसवाल का 'काला धंधा' बेनकाब! मनी लॉन्ड्रिंग, एक्साइज चोरी और प्रदेशभर में गैंगस्‍टर नेटवर्क

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 05:30 AM (IST)

    बरेली में शराब कारोबारी मनोज जायसवाल का गिरोह मनी लांड्रिंग और अवैध शराब के कारोबार में लिप्त पाया गया। गिरोह ने टपरी डिस्टलरी में छेड़छाड़ की और फर्ज ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    रजनेश सक्सेना, जागरण, बरेली। शराब कारोबारी मनोज जयसवाल का गिरोह मनी लांड्रिंग व अवैध शराब के कारोबार में भी लिप्त था। इस गिरोह ने टपरी डिस्टलरी के जीपीएस, सीसीटीवी में भी छेड़छाड़ की साथ ही तमाम फर्जी अभिलेख भी तैयार किए थे। गिरोह ने जीएसटी, एक्साइज और इनकम टैक्स की चोरी के अलावा मनी लांड्रिंग भी की।

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    पुलिस की जांच में आया कि गिरोह ने 11 माह के भीतर 35 करोड़ रुपये की एक्साइज चोरी की, यदि जीएसटी और मनी लांड्रिंग को भी इसमे शामिल किया जाए तो यह सरकार के लिए अत्याधिक राजस्व की क्षति है। पुलिस की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि यह गिरोह कई वर्षों से देशी शराब भी बना रहे थे। वर्ष 2021 मार्च में टपरी डिस्टलरी से देशी शराब की दो गाड़ियां निकली थी।

    उनमें से एक गाड़ी के कागज थे जबकि दूसरी को उसकी आड़ में निकाला गया था। जिस गाड़ी के कागज नहीं थे। उसे एसओजी की टीम ने बारादरी थाना क्षेत्र में ग्रीन पार्क हरुनगला के पास पकड़ लिया। ग्रीन पार्क में ही शराब कारोबारी मनोज जायसवाल का आवास भी है। एसओजी ने ट्रक से चालक से पूछताछ की तो उसने अपना नाम संजय बताया, कहा कि वह फतेहगंज पश्चिमी का रहने वाला है।

    शराब किसकी है और उसके कागज कहां हैं सवाल पर संजय ने कहा था कि वह शराब मनोज जायसवाल की है और उसे कानपुर से लेकर आ रहा है। उसने यह भी बताया था कि इस शराब को मनोज जायसवाल के डाउन-टाउन पर उतारना है। पुलिस ने ट्रक में पेटियां गिनी तो उससे 1415 पेटियां बरामद हुई। सभी पेटियों पर लिखा था नाट फार सेल इन उत्तर प्रदेश।

    जब पुलिस ने उस शराब की मैन्यूफैक्चिरिंग देखी तो वह टपरी डिस्टलरी की निकली। इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि, 1415 शराब की उन पेटियों को बरेली में अवैध रूप से बिक्री के लिए लाया गया था। चूंकि, चालक ने भी डाउन-टाउन बार का नाम लिया इससे यह भी आशंका रही कि उसे उसी बार में खपाया जाना था।

    ईडी भी कर सकती है पूरे प्रकरण की जांच

    चूंकि, मामला मनी लांड्रिंग से जुड़ रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए अब इसमें इडी भी शामिल हो सकती है। ऐसा होने के बाद इस पूरे प्रकरण की और भी परतें खुलकर सामने आ सकती हैं।

     

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