Bareilly News: सामूहिक दुष्कर्म से गर्भपात के मामले में अब होगा बीटा-एचसीजी टेस्ट, महिला के खून का लिया सैंपल
Gang misdeed Case बिशारतगंज की रहने वाली महिला का आरोप है कि उसके साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है जिसकी वजह उसका तीन माह का गर्भपात हो गया। मामले में पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में प्राथमिकी पंजीकृत कर ली।
बरेली, जागरण संवाददाता। Gang misdeed Case in Bareilly: बिशारतगंज की महिला से सामूहिक दुष्कर्म के बाद गर्भपात की घटना ने अब नया मोड़ ले लिया है। जिला महिला अस्पताल से भेजी गई रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने के बाद अब महिला का बीटा एचसीजी (ह्यूमन कोरियोनिक गोंडाट्रोपिन) टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए उसका सैंपल गाजियाबाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। वहां से जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शनिवार को महिला के रक्त का सैंपल ले लिया गया है। यदि गाजियाबाद से महिला में गर्भवती होने की पुष्टि हुई तो रिपोर्ट तैयार करने वाली महिला डाक्टर पर भी संकट गहरा सकता है।
बिशारतगंज की रहने वाली महिला का आरोप है कि उसके साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है, जिसकी वजह उसका तीन माह का गर्भपात हो गया। मामले में पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में प्राथमिकी पंजीकृत कर ली। 13 सितंबर को जब वह जिला महिला चिकित्सालय मेडिकल परीक्षण के लिए पहुंची तो वहां रेंडम कार्ड टेस्ट किया गया। जिसमें डाक्टर ने महिला के गर्भवती नहीं होने की पुष्टि की। बाकी कुछ रक्त के सैंपल लिए गए, लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं कराया गया।
प्राइवेट अल्ट्रासाउंड में हुई गर्भवती होने की पुष्टि
करीब तीन दिन बीतने के बाद जब पीड़ित के स्वजन ने अल्ट्रासाउंड के लिए कहा तो डाक्टर ने बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लिख दिया। प्राइवेट तौर पर कराए गए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में महिला के गर्भवती होने की पुष्टि हुई जिसके बाद डाक्टर ने उसे मानने से इन्कार कर दिया और पुरुष चिकित्सालय में पीड़ित का अल्ट्रासाउंड कराया। उसमें भी गर्भवती नहीं होने की पुष्टि कर रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी।
जागरण ने उठाए सवाल तो सक्रिय हुए पुलिस अफसर
जब इस मामले में दैनिक जागरण ने सवाल खड़े किए तो अब पुलिस के आला अफसरों ने महिला का दोबारा टेस्ट कराने का फैसला लिया। जिसके लिए शनिवार को महिला के रक्त का सैंपल लिया गया है जिसकी बीटा एचसीजी की जांच होगी। इस जांच में महिला के गर्भवती होने और नहीं होने की पुष्टि हो जाएगी।
क्या होता है बीटा-एचसीजी टेस्ट
डाक्टरों के मुताबिक, बीटा एचसीजी टेस्ट खासकर महिलाओं के गर्भवती की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। बीटा एचसीजी एक हार्मोन है, जो गर्भावस्था के दौरान रक्त और मूत्र में होता है। ये टेस्ट महिला के रक्त के सैंपल में एचसीजी हार्मोन के स्तर को मापने के लिए किया जाने वाला एक रक्त परीक्षण है। जिससे गर्भवती होने की पुष्टि होती है।
जांच रिपोर्ट के बाद होगी आगे की कार्रवाई
मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर क्राइम अर्जुन सिंह ने बताया कि इस सैंपल की रिपोर्ट के लिए कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द उन्हें मिल जाए। इस टेस्ट में जो भी रिपोर्ट आएगी उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं।