बरेली में गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में फंसे डॉक्टर, नहीं दे पा रहे सवालाें के जवाब
Bareilly Gang Misdeed With Pregnant Woman Case Update बरेली में गर्भवती महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में डॉक्टर व पुलिस सवालों के घेरे में आ गए हैं। डाॅक्टर जहां सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे है।
बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Gang Misdeed With Pregnant Woman Case Update : महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस और मेडिकल करने में डाक्टर दोनों की लापरवाही स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिस दिन महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gang Misdeed) हुआ उस दिन मेडिकल के नाम पर उसके कुछ सैंपल ले लिए गए। वह गर्भवती थी या फिर नहीं यह जानने के लिए उसका अल्ट्रासाउंड नहीं किया गया।
उल्टा उससे एक प्राइवेट अस्पताल से अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) कराकर आने के लिए कह दिया गया। अब जब उसकी रिपोर्ट में गर्भवती होने की पुष्टि हुई तो उसके बाद उन्होंने पुरुष अस्पताल में भेजकर अल्ट्रासाउंड कराया जिसकी वजह से अब डाक्टर कई सवालों में घिर गई हैं।
स्वजन के मुताबिक, बिशारतगंज थाना क्षेत्र की एक गांव की रहने वाली महिला के साथ खेत में तीन लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। जिसकी वजह से उसका गर्भपात हो गया। पीड़ित मेडिकल के लिए उसी दिन महिला जिला अस्पताल पहुंची। उसने अपने साथ हुई पूरी घटना के बारे में बताया।
इसके बाद महिला अस्पताल की डा. शशि गौतम ने उसका अल्ट्रासाउंड करने की जगह गर्भवती होने की जांच के लिए उसका रेपिड टेस्ट किया और कुछ अन्य सैंपल लेकर छोड़ दिया। जब पीड़िता की सास ने अल्ट्रासाउंड के लिए ज्यादा कहा तो उन्होंने प्राइवेट तौर पर कराकर लाने के लिए कहा।
प्राइवेट तौर पर उसने टीवीएस (Transvaginal Ultrasound) अल्ट्रासाउंड कराया। जिसमें गर्भवती होने की पुष्टि हुई तो डा. शशि ने अगले दिन जिला अस्पताल में महिला का एब्डोब्नल अल्ट्रासाउंड कराया। जिसमें उसमें गर्भवती नहीं होने की पुष्टि नहीं हुई। जबकि उस दिन महिला के पेट से कुछ टिसू भी रक्त के साथ आए थे।
उसकी जांच कराने की जगह डाक्टर ने उसे रक्त के टुकड़े बता दिए। अब डाक्टर शशि प्राइवेट तौर पर हुए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को गलत बता रही है। साथ ही आरोप लगा रहीं है कि उन्होंने पैसे देकर वह रिपोर्ट तैयार कराई होगी।
तीन गुना बेहतर होता है टीवीएस अल्ट्रासाउंड
महिला रोग विशेषज्ञों और जिला अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट डा. राजीव अग्रवाल (Radiologist Dr. Rajeev Agarwal) के अनुसार टीवीएस अल्ट्रासाउंड एब्डोब्नल अल्ट्रासाउंड की तुलना में काफी बेहतर होता है। उससे सीधा बच्चादानी के अंदर तक की सभी छोटी से छोटी चीजें आसानी से देख ली जाती हैं।
महिला रोग विशेषज्ञों का कहना है कि टीवीएस तीन गुना बेहतर रिजल्ट देता है। ऐसे में सवाल है कि डाक्टर इस अल्ट्रासाउंड को मानने से इनकार क्यों कर रही हैं।
महिला आयोग पहुंचा मामला
महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला अब महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इस मामले की शिकायत दोनों जगहों पर दर्ज कराई है।
डाक्टर बाेली- हमारे यहा नहीं थे रेडियाेलाॅॅजिस्ट
इस बारे में जब डाक्टर शशि गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि महिला उनके पास सीएचसी से रेफर होकर आई थी। उसमें अल्ट्रासाउंड करने की बात लिखी थी। क्योंकि हमारे यहां के रेडियोलाजिस्ट कई दिनों से नहीं थे। इसलिए उनका अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका था।
जब महिला की सास ने ज्यादा कहा तो उनसे बाहर से कराने के लिए कह दिया। इसके बाद भी जब डाक्टर नहीं आए तो फिर जिला अस्पताल में डा. राजीव अग्रवाल से कराया। जिसमें गर्भवती होने की पुष्टि नहीं हुई थी।