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    अब 'मुर्दे' नहीं डालेंगे वोट! SIR सर्वे के बाद सवा लाख दिवंगत मतदाताओं की छुट्टी!

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:49 PM (IST)

    बरेली में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत मतदाता सूची से 1.15 लाख से अधिक दिवंगत मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। शहर विधानसभा क्षेत्र में सर्व ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, बरेली। करीब 22 साल बाद हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में एक लाख से अधिक मतदाता ऐसे सामने आए हैं, जो दिवंगत हो गए हैं। इस आंकड़े में भी शहर विधानसभा सीट ही सबसे आगे बनी हुई है, वहीं मीरगंज विधानसभा सीट पर दिवंगत मतदाताओं का आंकड़ा सबसे कम पाया गया। दिवंगत मतदाताओं के नाम अब सूची से बाहर होंगे।

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    चुनाव आयोग के निर्देश पर चार नवंबर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का काम शुरू हुआ। जिले की 34.05 लाख की आबादी के लिए डोर टू डोर सर्वे किया गया। जिले के 3499 बूथों के हिसाब से इतने ही बीएलओ बनाकर प्रशासन ने सभी जगह मतदाताओं के गणना प्रपत्र भरवाए। उन्हें आयोग की वेबसाइट पर अपलोड भी कराया।

    डोर टू डोर सर्वे के दौरान जिले में 7.14 लाख मतदाता नहीं पाए गए हैं। इनमें दिवंगत हो चुके लोगों के साथ अन्य स्थानों पर शिफ्ट होने वाले, नहीं मिलने वाले मतदाता शामिल हैं। शहर और कैंट विधानसभा क्षेत्र में जहां लापता मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, वहीं इन्हीं दोनों विधानसभा क्षेत्रों में दिवंगत होने वालों का आंकड़ा भी सबसे ज्यादा है। जिले में 1.15 लाख से अधिक मतदाता पूर्व के वर्षों में दिवंगत हो गए।

    शहर विधानसभा सीट पर 19 हजार से अधिक और कैंट विधानसभा सीट पर 17 हजार से ज्यादा मतदाता अब नहीं रहे हैं। बिथरीचैनपुर में 15 हजार तो फरीदपुर में 13 हजार से अधिक लोग दिवंगत हुए। आंवला विधानसभा क्षेत्र में 10 हजार से अधिक के नाम इस बार कट जाएंगे। नवाबगंज और बहेड़ी क्षेत्र में करीब नौ-नौ हजार मृतक मतदाता हैं।

    सबसे कम मृतक मतदाताओं की संख्या मीरगंज विधानसभा सीट पर है। यहां करीब आठ हजार दिवंगत मतदाताओं के नाम सूची से काटे जाने हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि 31 दिसंबर को ड्राफ्ट का प्रकाशन किया जाएगा। उसके बाद लोगों से दावे और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। 28 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।

    2.92 लाख मतदाता दूसरी जगह हो गए शिफ्ट

    जिले में ट्रेस नहीं हुए मतदाताओं में 2.92 लाख मतदाता ऐसे हैं जो दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। इसमें सबसे अधिक शहर विधानसभा सीट पर 50 हजार से अधिक मतदाता है। वहीं, कैंट विधानसभा क्षेत्र में 45 हजार से अधिक लोग शिफ्ट हो चुके हैं।

    बहेड़ी में 33 हजार से अधिक शिफ्ट होने वालों की संख्या है। मीरगंज में यह आंकड़ा सबसे कम 22 हजार के करीब है। अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 22 से 30 हजार तक मतदाता अन्य जगहों में जा चुके हैं। इन मतदाताओं के नाम भी सूची से कटने की उम्मीद है।

     

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