अखिलेश के 'CCTV' फेल? बरेली में सपा के बीएलए ट्रेनिंग से गायब, हाजिरी पर जमकर चले 'शब्दबाण'
बरेली में समाजवादी पार्टी के बीएलए प्रशिक्षण शिविरों में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति चिंता का विषय बन गई है। अखिलेश यादव की मंशा के उलट, ये शिविर जनसभ ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
अशोक आर्य, जागरण, बरेली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीते दिनों शहर में कहा था कि उनके कार्यकर्ता सीसीटीवी की तरह एसआइआर के काम पर नजरें रखेंगे। बूथ लेवल तक पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करेंगे। इसी मंशा से बूथ लेवल अधिकारी (बीएलए) बनाए भी गए। उनके लिए प्रशिक्षण शिविर भी शुरू किए। शिविर तो लगातार लग रहे हैं, लेकिन आधे बीएलए भी नहीं पहुंच रहे। आलम यह है कि स्थानीय लोगों को बुलाकर जगह भरनी पड़ रही है, जिससे प्रशिक्षण शिविर किसी जनसभा की तरह ही नजर आ रहे हैं।
पार्टी प्रमुख ने बीएलए प्रशिक्षण एवं सत्यापन के लिए पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव को बरेली और पीलीभीत का प्रभारी बनाया है। यह बीएलए ही बूथ अध्यक्ष के तौर पर और चुनाव के दौरान एजेंट के तौर पर काम करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले में 22 दिसंबर से प्रशिक्षण शिविर शुरू हो चुके हैं।
अब तक पांच विधानसभा क्षेत्रों में यह शिविर लगाए जा चुके हैं, लेकिन इनमें आधे बीएलए भी नहीं पहुंच रहे हैं। सबसे पहले बिथरीचैनपुर विधानसभा क्षेत्र का शिविर कांधरपुर में लगा, जिसमें बहुत कम बीएलए पहुंचे। सूत्रों के अनुसार इस सीट पर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक है।
सबने अपने क्षेत्र में बीएलए बनाए हैं। यहां रहने वाले जिलाध्यक्ष खुद भी दावेदार हैं। 11 बजे बुलाई गई मीटिंग बीएलए के नहीं पहुंचने पर एक बजे शुरू कराई गई। बताते हैं कि पंडाल भरने के लिए स्थानीय लोगों को वहां बैठा दिया गया। हाजिरी लेने पर तमाम बीएलए अनुपस्थित मिले। 23 दिसंबर को नवाबगंज में सुबह 11 बजे मीटिंग रखी गई थी।
वहां पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार तमाम बीएलए के साथ प्रतीक्षा कर रहे थे। पदाधिकारी एक बजे के बाद वहां पहुंचे। इसके बाद जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने बीएलए की हाजिरी लेने की बात कही तो पूर्व मंत्री उखड़ गए। उनके बीच अच्छी कहासुनी हो गई। हाजिरी में वहां भी पूरे बीएलए नहीं मिले।
24 दिसंबर को आंवला में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। वहां जिस बरातघर में कार्यक्रम था, उसकी क्षमता वहां के बीएलए की संख्या के बराबर नहीं थी। वहां भी आधे से कम बीएलए प्रशिक्षण लेने पहुंचे। फरीदपुर विधानसभा क्षेत्र में 26 दिसंबर को लगाए गए प्रशिक्षण शिविर में बीएलए की सूची को लेकर ही विवाद हो गया।
जिस सूची को बताते हुए बीएलए की हाजिरी ली गई, विधानसभा अध्यक्ष ने उसे गलत बताते हुए विरोध कर दिया। उनका कहना था कि जो बीएलए उन्होंने बनाए हैं, उनके नाम सूची में नहीं हैं। मीरगंज में 27 दिसंबर को लगे शिविर में खाने के दौरान विवाद हो गया, जिस कारण कई कार्यकर्ता वहां से चले गए।
बरेली की सभी नौ विधानसभा सीटों पर सपा ने जितने भी बीएलए बनाए हैं, अन्य दलों की अपेक्षा सही और असली हैं। सर्दियों में प्रशिक्षण शिविर लग रहे हैं। प्रशिक्षण शिविर में बीएलए की शत-प्रतिशत उपस्थिति नहीं हो पा रही है, लेकिन बहुत कम संख्या भी नहीं है।
- वीरपाल सिंह यादव, प्रभारी बीएलए प्रशिक्षण एवं सत्यापन
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