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    Bareilly Ring Road: दिल्ली और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाले रिंग रोड का निर्माण शुरू, जानें रूट और सुविधाएं

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 08:22 PM (IST)

    बरेली में दिल्ली और नैनीताल हाईवे को जोड़ने वाले रिंग रोड का निर्माण शुरू हो गया है। इस परियोजना से शहर में यातायात सुगम होगा और दिल्ली-नैनीताल के बीच ...और पढ़ें

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    न‍िर्माणाधीन र‍ि‍ंंग रोड

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर के बाहर से दिल्ली, नैनीताल और मथुरा हाईवे को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित रिंग रोड का निर्माण आरंभ हो चुका है। 29.920 किमी के इस बाइपास पर 46 पुलिया का निर्माण कराया जाएगा। बस यात्रियों के लिए आठ स्थानों पर यात्री शेड बनाए जाएंगे जहां बसें रुकेंगी। डिजाइन ऐसी बनाई गई है कि निर्बाध गति से वाहन 100 किमी की स्पीड से फर्राटा भरते रहेंगे।

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    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों की निगरानी में सहसिया हुसैनपुर, प्रेमनगर और चौबारी पर ट्रैक्टर, जेसीबी लगाकर समतलीकरण का कार्य कराया जा रहा है। कार्यदायी संस्था आरपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियर और ठेकेदार कैंप कार्यालय बनाकर निर्माण सामग्री और मशीनों को पहले से ही एकत्रित कर लिया था।

    पहले सितंबर में निर्माण शुरू कराने का दावा किया जा रहा था, फिर नवंबर में काम शुरू कराने की बात कही जा रही थी, लेकिन अपेक्षित मुआवजा वितरण नहीं होने और वन विभाग की एनओसी नहीं मिलने से टलता रहा। अवरोध खत्म होने के बाद 24 दिसंबर को निर्माण आरंभ हो सका।

    824 करोड़ की लागत से बन रहे 29.920 किमी के रिंग रोड में चार आरओबी, चार बड़े और सात छोटे पुल के अलावा 46 छोटी पुलिया का भी निर्माण कराया जाएगा। रिंग रोड पर 16.990 किमी की बनेगी सर्विसलेन बनवाने की कार्ययोजना शामिल है। जगह-जगह सात छोटे जंक्शन बनवाए जाएंगे।

    आठ स्थानों पर बस यात्रियों के लिए यात्री शेड का निर्माण कराया जाएगा। दो फ्लाइओवर के अलावा तीन अंडरपास भी निकाले जाएंगे। डिजाइन ऐसी बनाई गई है कि इस पर वाहन 100 किमी की स्पीड से फर्राटा भर सकेंगे।

     

    किसानों को मुआवजा वितरण, वन विभाग की एनओसी मिलने में समय लगा। इसकी वजह से रिंग रोड का निर्माण विलंब से शुरू हो सका। अब सब कुछ अनुकूल है, कार्यदायी संस्था ने पहले से ही तैयार थी। कई स्थानों पर एक साथ समतलीकरण का काम चल रहा है। शुरूआती दौर में मिट्टी के काम ही कराए जाएंगे, इसके बाद पक्का निर्माण आरंभ हो सकेगा।

    - नवरत्न, परियोजना निदेशक एनएचएआइ


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