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    गूगल मैप की वो घातक भूल और सिस्टम की सुस्ती: सालभर बाद भी अधूरा है रामगंगा का सफर

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 07:59 PM (IST)

    रामगंगा पुल पर एक साल पहले हुए कार हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी। गूगल मैप की गलती से हुई इस दुर्घटना के बाद पुल बंद कर दिया गया। आईआईटी रुड़की ...और पढ़ें

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    अधूरा रामगंगा पुल

    जागरण संवाददाता, बरेली। साल पहले अधूरे रामगंगा पुल पर हुई कार दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई थी। तब यहां से लेकर लखनऊ तक खलबली मची थी। पुल पर आवागमन तो बंद करा दिया गया, लेकिन अवरोध अभी तक दूर नहीं हुआ। पहले रुड़की के इंजीनिइयर्स की सर्वे रिपोर्ट का महीनों इंतजार होता रहा, अब बजट की फाइल लखनऊ में लंबित पड़ी है। कई बार आपत्तियों का निस्तारण भी कराया जा चुका है, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के लिए बजट का इंतजार बढ़ता जा रहा है।

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    दुर्घटना 24 नवंबर 2024 की रात हुई थी। गूगल मैप के सहारे पुल पर पहुंची कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें कार सवार तीन युवकों की मृत्यु हो गई थी। लापरवाही मानते हुए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को निलंबित किया गया और उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई। मामला शासन तक पहुंचने पर आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों से अध्ययन कराकर मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए थे।

    लोक निर्माण विभाग ने अध्ययन के लिए 23 लाख रुपये आइआइटी रुड़की को जमा कराया गया, लेकिन तीन महीने बाद इंजीनियर्स मौके पर पहुंचे। फिर महीनों अध्ययन रिपोर्ट का इंंतजार होता रहा, पहले संक्षिप्त रिपोर्ट आई फिर विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई। जिसमें पुल की लंबाई 150 मीटर बढ़ाने के सुझाव दिए गए।

    आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों से अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग और सेतु निगम का 140 करोड़ रुपये का संयुक्त एस्टीमेट शासन को भेजा गया। कई बार आपत्तियां लग चुकी हैं, अधिकारी जाकर निस्तारण भी करवा रहे हैं, लेकिन बजट का आवंटन अभी तक नहीं हो सका है। सालभर से इस पुल पर आवागमन बंद पड़ा है।

     

    रामगंगा नदी पर क्षतिग्रस्त बदायूं के दातागंज पुल का निर्माण कराने के लिए आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग का संयुक्त एस्टीमेट शासन स्तर पर लंबित है। वित्तीय कमेटी की आपत्तियों का निस्तारण भी करवाया जा चुका है। बजट आवंटित होने के बाद निर्माण कराकर पुल पर आवागमन शुरू कराया जाएगा।

    - केके सिंह, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग


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