नाथ कॉरिडोर: करोड़ों खर्च पर शिव की आकृतियां गायब, सिर्फ दीवारों तक सिमटा काम
बरेली के नाथ कॉरिडोर में 4.97 करोड़ की लागत से बन रही 19 फोकस दीवारों का काम अधूरा है। दीवारें खड़ी हो गई हैं, लेकिन उन पर शिव से संबंधित कलाकृतियां न ...और पढ़ें

नाथ कारिडोर के तहत तैयार की जा रही फोकस वाल
जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में आस्था के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विकसित किए जा रहे नाथ कारिडोर में बजट तो भरपूर मिला है, लेकिन कार्यदायी संस्था की लेट-लतीफी से अपेक्षित प्रगति नहीं आ रही है। 4.97 करोड़ की लागत से 19 स्थानों पर बनाए जा रहे फोकस वाल का काम अधूरा है।
मंडलायुक्त कार्यालय, विकास भवन, बीसलपुर रोड, करगैना समेत विभिन्न स्थलों पर दीवारें तो खड़ी की गई हैं, लेकिन उस पर पत्थर और शिव से जुड़ी विविध आकृतियां लगाने का काम अभी शुरू ही नहीं हो सका है। जबकि महीनाभर पहले निरीक्षण के दौरान काम की गति धीमी होने पर मंडलायुक्त भूपेंद्र एस चौधरी नाराजगी जता चुके हैं।
नाथ कारिडोर के मार्गों पर धार्मिक माहौल बनाने के लिए इस साल के शुरूआत में 17 फरवरी को 19 स्थानों पर फोकस वाल का निर्माण कराने के लिए चार करोड़, 97 लाख, 76 हजार रुपये की परियोजना को स्वीकृति देकर 2.45 करोड़ रुपये का बजट आवंटित भी कर दिया गया था। निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड को दी गई है।
टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कराकर 12 स्थलों पर 25 अप्रैल से काम भी शुरू कराया गया। चार प्रकार के फोकस वाल बनवाने की डिजाइन तय हुई है। शनिवार को जागरण की टीम ने निर्माणाधीन स्थलों का जायजा लिया। मंडलायुक्त कार्यालय के सामने फोकस वाल की दीवार बनाकर छोड़ दी गई है, पत्थरों से कलाकृतियां लगवाने का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। ठीक यही स्थिति विकास भवन के सामने भी दिखाई पड़ी।
मनोहर भूषण इंटर कालेज, सुरेश शर्मा नगर चौराहा, करगैना, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बीसलपुर चौराहा, मिनी बाइपास इज्जतनगर रेलवे स्टेशन सभी स्थानों पर हालात एक ही जैसे दिखाई दिए। यह हाल तब है जब नाथ कारिडोर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, उप निदेशक पर्यटन लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं। सात स्थानों पर काम शुरू कराने के लिए अभी टेंडर ही नहीं हो सके हैं।
नाथ कारिडोर में फोकस वाल का काम चल रहा है। राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर लगातार समीक्षा भी की जा रही है। ढांचा तैयार कराया जा चुका है। भगवान शिव से संबंधित कलाकृतियां पत्थरों की लगवाई जानी है। कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई के लिए लिखने की चेतावनी दी गई है।
- रवींद्र कुमार, उप निदेशक पर्यटन
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