बरेली का 'महाठग' कन्हैया गुलाटी: आठवीं पास साथी बने नकली डॉक्टर, ऐसे लगाया पढ़े-लिखों को करोड़ों का चूना
महाठग कन्हैया गुलाटी के साथियों ने, जो केवल आठवीं पास हैं, डॉक्टर बनकर पढ़े-लिखे लोगों को 800 करोड़ से अधिक का चूना लगाया। एसआईटी ने जांच तेज कर दी है ...और पढ़ें

कन्हैया गुलाटी
जागरण संवाददाता, बरेली। महाठग कन्हैया गुलाटी के साथी महज आठवीं तक पास हैं, लेकिन उन्होंने डाक्टर, इंजीनियर से लेकर उच्च शिक्षित लोगों को भी चूना लगा दिया। आठवीं पास लोगों की मदद से ही गुलाटी ने 800 करोड़ से अधिक की ठगी कर ली। वहीं, दूसरी ओर एसआइटी ने भी गुलाटी के प्रकरण में जांच तेज कर दी है।
गुलाटी के साथ ही उसकी गैंग के अन्य सदस्यों की भी जांच की जा रही है। गुरुवार को नवादा शेखान निवासी फैसल उस्मान ने प्राथमिकी लिखाई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी मुलाकात मुहम्मद यासीन से हुई थी। उसी ने उन्हें गुलाटी की कंपनी के बारे में बताया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि यासीन ने ही उन्हें झांसा दिया और इंवेस्ट कराया। फैसल का आरोप यह भी है कि आरोपित यासीन केवल आठवीं तक पढ़ा है और अपने नाम के आगे डाक्टर लगाकर घूमता है ताकि लोग उसे डाक्टर समझे। स्थिति यह है कि गुलाटी के विरुद्ध बरेली में अब तक 19 मामले दर्ज हो चुके हैं। जबकि चार मुकदमे अन्य झारखंड, बिहार समेत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में दर्ज हैं।
अभी तक दर्ज मुकदमों की बात की जाए तो आरोपित ने सबसे ज्यादा निशाना बरेली और शाहजहांपुर के लोगों को बनाया है। जब लोगों का रुपया वापस नहीं मिला तो उन्होंने प्राथमिकी पंजीकृत कराना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही आरोपित फरार हो गया। वह कहां है? इसके बारे में न तो पुलिस को कोई जानकारी है न ही लोगों से वह संपर्क कर रहा है। उसके घर पर ताला पड़ा है और फोन बंद है।
वेबसाइट के माध्यम से भी देता था झांसा
आरोपित कन्हैया गुलाटी दो तरह से लोगों को झांसा देता था। पहला अपनी गैंग के सदस्यों को लोगों से संपर्क करने के लिए भेजता था जो उन्हें कंपनी की स्कीम के बारे में बताकर फंसाते थे। दूसरा तरीका वह अपनी वेबसाइट के माध्यम से भी लोगों को तरह-तरह के सपने दिखाता उन्हें इंवेस्ट करने को प्रेरित करता।
उसने अपनी वेबसाइट पर 72 पेज में कंपनी के प्रोडक्ट, लोगों के सपने, कैसे प्राफिट कमाया जाए, कैसे इंवेस्ट किया जाए। नौकरी या व्यवसाय क्यों नहीं करना जैसे तमाम बातों को लिखा है। जिसे पढ़ने के बाद लोग उसकी ओर आकर्षित होते थे। इन्हीं सब का फायदा उठाकर वह उन्हें अपने जाल में फंसा लेता था।

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