एंबुलेंस का मालिक अब दूसरों का ड्राइवर! – महाठग गुलाटी ने छीनी हरीश की रोटी, 22 लाख डकार कर हुआ फरार
बरेली में, एंबुलेंस के मालिक हरीश को महाठग गुलाटी ने 22 लाख रुपये का चूना लगाया, जिससे हरीश को अपनी एंबुलेंस से हाथ धोना पड़ा। अब हरीश दूसरों की गाड़ी ...और पढ़ें

कन्हैया गुलाटी
जागरण संवाददाता, बरेली। महाठग कन्हैया गुलाटी के जाल में फंसकर लोगों का अपना घर मकान जमीन सब तबाह हो गया। गुलाटी लोगों को बड़े-बड़े सेमिनार में बुलाकर उन्हें हाई-फाई सपने दिखाता। लजीज भोजन करता और झूठी कसमें खाकर कंपनी को ईमानदार बताता। लोगों के बीच उसका भरोसा जमे इसलिए उसने शुरूआत में कुछ महीनों तक लोगों को इंवेस्टमेंट का पांच प्रतिशत रुपया दिया, लेकिन बाद में बंद कर दिया।
उसके झांसे में फंसकर लोगों ने अपनी जमा पूंजी सब इंवेस्ट कर दी और बर्बाद हो गए। ऐसे ही पीड़ितों में से बिथरी निवासी हरीश कुमार हैं। उन्होंने भी झांसे में आकर अपनी दो एंबुलेंस, जमीन सब बेचकर करीब 22 लाख रुपये इंवेस्ट किया। बदले में न तो रुपया मिला न ही जमीन मिली। हरीश बताते हैं कि उनकी खुद की दो एंबुलेंस थी जिन्हें वह दूसरे ड्राइवरों से चलवाते थे।
काम अच्छा चल रहा था इसी को आगे बढ़ाने की योजना थी। वर्ष 2023 में गुलाटी के माध्यम से रामनगर के एक रिजार्ट में सेमिनार में आमंत्रित किया गया था। वहां पर गुलाटी ने बड़े-बड़े सपने दिखाए इंवेस्टमेंट का झांसा दिया। कसम खाई कि उनकी कंपनी अपने सभी ग्राहकों के साथ पूरी ईमानदारी बरतती है।
गुलाटी ने स्कीम बताई कि वह जितना रुपया इंवेस्ट करेंगे उसका पांच प्रतिशत रुपये हर महीने किस्त के रूप में उनके पास पहुंचता रहेगा। 20 महीने तक यह रकम दी जाएगी। इसके बाद दो माह बाद लोग अपना रुपया निकाल सकते हैं। इस हिसाब से करीब दो साल में उनका सभी रुपया दोगुणा हो जाएगा।
इसी झांसे में आए हरीश ने शुरूआत में 25 हजार रुपये इंवेस्ट किए जब उन्हें कुछ महीने तक किस्त मिलती रहीं तो उन्होंने अपनी दोनों एंबुलेंस बेच दीं। सोचा जब रुपया दोगुणा होगा तो नई एंबुलेंस लेकर चलवाएंगे। इसके बाद एक प्लाट भी बेच दिया। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पत्नी, बहन सभी के नाम से रुपये इंवेस्ट कर दिया। आरोप है कि आरोपित गुलाटी ने फरवरी से किस्त देना बंद कर दिया।
जब संपर्क किया तो शुरूआत में टालमटोल करने लगे। बाद में सभी सबकुछ बेचकर फरार हो गए। स्थिति यह हो गई कि हरीश की सभी जमा पूंजी चली गई। मजबूरी में घर का खर्च आदि चलाने के लिए उन्हें खुद किसी दूसरे के यहां चालक की नौकरी करनी पड़ रही है। हालांकि, बारादरी पुलिस ने इस मामले में गुलाटी समेत पांच लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिख ली है।
लोन लेकर दिया 30 लाख, आज तक चुका रहे किस्त
गुलाटी ने लोगों को ठगने के लिए अपने कई एजेंट भी तैयार किए थे। उन्हीं के माध्यम से वह लोगों से संपर्क करता था। हर गली मुहल्ले में उसके एजेंट लोगों को कंपनी के फायदों के बारे में बताते और उन्हें इंवेस्टमेंट के लिए प्रेरित करते थे। ऐसे ही एक एजेंट ने महावीर एन्क्लेव निवासी एक महिला के साथ किया।
उसने कंपनी की अच्छाइयों को दो साल के भीतर रकम को दोगुणा करने का झांसा दिया। उसके झांसे में आई महिला ने धीरे-धीरे 30 लाख रुपये इंवेस्ट कर दिए। जब उनका पांच प्रतिशत वाला रुपया आना बंद हुआ और गुलाटी फरार हुआ तो उन्हें माइनर हार्टअटैक आ गया। दिल्ली के अस्पताल से उनका उपचार चल रहा है। यह रकम उन्होंने लोन लेकर दी थी।
रिजार्ट में मीटिंंग की, दिखाए बड़े सपने
महिला का कहना है कि कन्हैया गुलाटी के एजेंट ने उसने संपर्क किया और स्कीम के बारे में बताया। इसके बाद रामनगर के एक रिजार्ट में ले जाकर मीटिंग की। उस मीटिंग में गुलाटी मौजूद था। उसने इंवेस्ट करने वाले सभी लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए और मोटा मुनाफा करने की बात कही। वहां से वह प्रभावित हुई और उन्हें लगा कि यहां से मोटा मुनाफा हो सकता है।
इसके बाद उन्होंने खुद से करीब 30 लाख व अन्य लोगों को भी यह स्कीम बताकर उनके करीब 1.35 करोड़ रुपये का कुल इंवेस्टमेंट कराया। यह रुपया भी उन्होंने बैंक से घर को गिरवी रखकर लोन पर लिया था। जिसकी किस्तें वह आज तक चुका रही हैं। शुरूआत में गुलाटी ने भरोसा बनाने के लिए पांच प्रतशित रकम दी लेकिन बाद में रुपया देना बंद कर दिया।
जब वह कंपनी पर पहुंची तो वहां पर टालमटोल करना शुरू कर दिया। जितने लोगों ने उनके कहने पर इंवेस्टमेंट किया था वह सभी भी उन्हीं से शिकायत करने लगे। जब महिला को पता चला कि गुलाटी सब कुछ लेकर यहां से फरार हो गया तो उन्हें माइनर हार्ट अटैक आ गया। तब से अब तक उनका दिल्ली से उपचार किया जाता है।
गुलाटी के चक्कर में छूटी नौकरी, गवाएं 12 लाख
फरीदपुर निवासी रवि पाठक का भी गुलाटी ने 12 लाख रुपये हड़प लिया। वह बताते हैं कि वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। गुलाटी के एजेंट ने उनसे संपर्क किया और कैनविज कंपनी की लुभावनी स्कीम के बारे में जानकारी दी। इसके बाद रामनगर में उनकी एक मीटिंग कराई गई।
इसमें झांसा दिया गया कि वह फरीदपुर के पास ही कैनविज विलेज वैली में एक 100 गज का प्लाट देंगे। इसके लिए वह किस्तों में रुपये दे सकते हैं। मगर जो रुपये वह देंगे उसमें उनका घाटा नहीं होगा बल्कि, जितना रुपया जमा कर देंगे उसके हिसाब से पांच प्रतिशत रकम उन्हें हर माह उनके खाते में दी जाएगी।
100 गज की कीमत बताई 13 लाख
100 गज के प्लाट की कीमत 13 लाख रुपये बताई गई। साथ ही यह भी बताया गया कि जब उनकी धनराशि पूरी हो जाएगी तो उनके नाम पर प्लाट की रजिस्ट्री कर दी जाएगी। यदि कोई भी इंवेस्टर प्लाट लेना नहीं चाहता तो उसके लिए पूरी रकम भी वापस कर दी जाएगी। इस झांसे में आए रवि पाठक ने भी धीरे-धीरे रुपये जमा करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्होंने करीब 13 लाख रुपये खर्च कर दिए।
मगर उन्हें जिस पांच प्रतशित रुपये देने का वादा किया गया था। वह उन्हें कुछ समय बाद नहीं मिली। जब कंपनी में संपर्क किया तो पता चला कि सभी फरार हो चुके हैं। रवि बताते हैं कि उनके कहने पर अन्य कई लोगों ने भी इंवेस्ट किया था। कुल मिलाकर देखा जाए तो रवि व उनके साथियों ने 67 लाख रुपये जमा किए थे जो सभी डूब गए।

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