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    पिता ने मंडलायुक्त से लगाई गुहार: लगाए आरोप, अस्पताल ने मेरा एक बच्चा चुराया, वापस दिलाओ!

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 11:05 PM (IST)

    बरेली के सुरेश बाबू ने मंडलायुक्त से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि जिला महिला अस्पताल के स्टाफ ने उनकी जुड़वा शिशु में से एक को चोरी कर लिया। अल्ट्रास ...और पढ़ें

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    पत्नी के साथ मंडलायुक्त को अपनी व्यथा सुनाता पीड़ित पिता सुरेश बाबू। जागरण

    जागरण संवाददाता, बरेली। पत्नी की अल्ट्रासाउंड जांच में जुड़वा शिशु की रिपोर्ट और जन्म एक ही बेटी का होने के बाद फरीदपुर के गजनेरा के रहने वाले सुरेश बाबू बेचैन है। उन्हें इस बात का शक है कि प्रसव के दौरान जिला महिला अस्पताल के स्टाफ ने उनका एक शिशु चोरी कर लिया है। इसे लेकर दिल में बार-बार हुक पैदा हो रही है। शायद यही वजह रही कि शुक्रवार की सर्द और कोहरे से भरी सुबह की परवाह किए बगैर ही तीन दिन की नवजात बेटी, पत्नी और घर के दो और लोगों को लेकर मंडलायुक्त कार्यालय पहुंच गए।

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    उनके चेहरे पर दर्द साफ झलक रहा था। हाथ में दरखास्त व कुछ और जांच रिपोर्ट भी थीं। पत्नी के साथ मंडलायुक्त के सामने पेश और और रुआंसे हुए बोले...साहब जिला महिला अस्पताल वालों ने मेरा एक बेटा कहीं गायब कर दिया है। मंडलायुक्त ने पीड़ित पिता की बात को संजीदगी से सुना और प्रार्थनापत्र लेकर फौरन जांच के आदेश भी दे दिए।

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    सुरेश बाबू की पत्नी राजेश्वरी देवी का प्रसव जिला महिला अस्पताल में आठ दिसंबर को हुआ था। उन्होंने कुछ महीनों के अंतराल में एक निजी और प्रसव से पहले जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कराईं थीं। दोनों ही रिपोर्ट में जुड़वा शिशु और जन्म एक ही बेटी का होने के बाद से ही सुरेश बाबू और उनकी पत्नी सहित पूरा परिवार बिलख रहा है।

    इसी तड़प के बीच शुक्रवार को वह पत्नी और घर के दो और लोगों के साथ मंडलायुक्त कार्यालय में पहुंच गए। कुछ देर बाद मंडलायुक्त भूपेंद्र एस चौधरी के अर्दली ने उन्हें जनसुनवाई के दौरान बुलाया। सुरेश बाबू ने लिखित प्रार्थनापत्र देते हुए मंडलायुक्त को पूरी जानकारी दी कि वह कब अपनी पत्नी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया, प्रसव रूम में क्या घटनाक्रम रहा और किस तरह से वहां मामले को दबाने की कोशिश की गई। सुरेश बाबू ने शक जताया कि प्रसव के समय एक शिशु को चोरी कर लिया गया है।

    इसलिए पूरे मामले की जांच कराते हुए दूसरा शिशु कहां है, इसका पता लगवाकर वापस दिया जाए। मंडलायुक्त ने पीड़ित पिता की पूरी बात सुनी और प्रकरण के जांच के आदेश दे दिए। मंडलायुक्त के प्रकरण गंभीरता से लेने के बाद पीड़ित पिता के कलेजे में कुछ ठंडक तो मिली है लेकिन जब तक यह राजफाश नहीं हो जाता कि सुरेश बाबू की पत्नी के अगर दो शिशु हुए थे तो एक कहां गया, तब तक उसके पूरी तरह से सुकून नहीं मिलेगा।

    दूसरे बच्चे की जान बचाने के लिए दर्द का घूंट पी गया बेबस पिता

    सुरेश बाबू ने जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए पत्नी राजेश्वरी देवी को आठ दिसंबर को भर्ती कराया था। कुछ ही देर बाद पत्नी को एक बेटी हो गई। हालांकि जज्जा-बच्चा को 10 दिसंबर की शाम को डिस्चार्ज किया गया। मंडलायुक्त कार्यालय में शिकायत करते पहुंचे सुरेश बाबू से पूछा गया कि भर्ती के दो दिन तक वह शांत क्या रहा।

    लिखित शिकायत क्यों नहीं की तो वह बेबसी भरे लहजे में बोला, अस्पताल वालों ने कागज पर अंगूठा लगवा लिया कि प्रसव के दौरान जज्जा-बच्चा को कुछ हो जाता है तो भर्ती कराने वाले की जिम्मेदारी थी। इसलिए वह डरा था कि एक शिशु तो कहीं गायब ही कर दिया गया है, अब वह ज्यादा बोला तो जन्म हुई बेटी के साथ भी कोई अनहोनी न हो जाए।

    इसके बाद वह सहम गया और दर्द का घूंट पीकर दो दिन तक पत्नी के भर्ती रहने के दौरान खामोशी के साथ एक-एक पल काटता रहा। उसका कहना है कि डिस्चार्ज होने के बाद जब जज्जा-बच्चा दोनों ही सुरक्षित घर पर हैं तो अपने दूसरे शिशु को पाने की ललक ही उसे मंडलायुक्त के पास तक खींच लाई।

     

    इस मामले का प्रार्थना पत्र मिल गया है। अगर शिकायतकर्ता की बात सही है तो यह सचमुच गंभीर प्रकरण है। वह अपने स्तर से भी इसकी जांच कराएंगे। इसमें जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    - भूपेंद्र एस चौधरी, मंडलायुक्त


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