'पेट में दो थे, बाहर सिर्फ एक!' महिला अस्पताल की डिलीवरी पर गहराया संदेह, हाई लेवल जांच शुरू
बरेली के महिला अस्पताल में एक डिलीवरी को लेकर संदेह गहरा गया है। आरोप है कि महिला के पेट में दो बच्चे थे, लेकिन डिलीवरी के समय सिर्फ एक ही बच्चा निकला ...और पढ़ें
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जिला अस्पताल
जागरण संवाददाता, बरेली। महिला की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बता रही थी कि गर्भ में जुड़वा बच्चे हैं। नौ सितंबर को बरेली अल्ट्रासाउंड सेंटर, फिर प्रसव से चार घंटे पहले सरकारी अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर से यही रिपोर्ट आई थी परंतु, स्टाफ ने कहा कि एक बच्ची पैदा हुई। दो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में कोई एक गलत थी या जिला महिला अस्पताल के प्रसव कक्ष से दूसरा शिशु गायब कर दिया गया ...?
इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए गुरुवार को तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच बैठा दी गई। सीएमएस डा. त्रिभुवन प्रसाद ने प्रसव कक्ष की सीसीटीवी फुटेज अपने कार्यालय में मंगवा ली मगर, यह नहीं बताया कि उनमें क्या दिखा। शुक्रवार को प्रसूता के स्वजन को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।
आठ दिसंबर को फरीदपुर में थाना भुता के गजनेरा निवासी राजेश्वरी देवी का प्रसव जिला महिला अस्पताल में हुआ था। उनके पति के सुरेश कुमार के अनुसार, नर्सिंग स्टाफ ने सूचना दी कि बेटी हुई है। उस समय अचंभा हुआ मगर, फिर सोचा कि अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट में गलती रही होगी। इसके बाद घटनाक्रम दोबारा याद होने पर संदेह हुआ।
प्रसव कक्ष में राजेश्वरी देवी को अत्याधिक पीड़ा होने पर सास उनके पास गई थीं। उनका कहना था कि प्रसव पीड़ा तेज होने पर स्टाफ ने उन्हें बाहर भेजा, इसके कुछ देर बाद कहा कि सामान्य प्रसव से बेटी पैदा हुई है। गुरुवार को प्रकरण गर्माने पर सीएमए डा. त्रिभुवन प्रसाद ने जांच बैठाई। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. पुष्पलता समी, डा. ललित कुमार सक्सेना और बृजेश कुमार को जांच सौंपी है।
राजेश्वरी ने 2.900 किलोग्राम की बच्ची को जन्म दिया। सामान्य तौर पर नवजात का वजन दो से ढाई किलो के बीच ही होता है। प्रसव कराने वाले स्टाफ से कई अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की जाएगी। सुरेश व उनकी मां को भी बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है। इसके साथ ही, दोनों अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की सत्यता भी जांची जा रही है।
अल्ट्रासाउंड की जांच में जुड़वा और एक बच्ची के जन्म होने के मामले को लेकर तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। इसमें शामिल सभी सदस्यों को निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश देने के साथ ही रिपोर्ट तीन दिन के अंदर देने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके बाद ही इस घटना को लेकर कुछ कहा जा सकता है। हालांकि पीड़ित पक्ष की ओर से अभी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है।
- त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस
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