Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भटकने से मिलेगी मुक्ति: जिला अस्पताल में हाई-टेक लैब का रास्ता साफ, मरीजों की हुई चांदी

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 01:57 PM (IST)

    बरेली के जिला अस्पताल में अब हाई-टेक लैब बनने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे मरीजों को भटकने से मुक्ति मिलेगी। इस नई सुविधा से मरीजों को बेहतर और तेजी ...और पढ़ें

    Hero Image

    ज‍िला अस्‍पताल

    अनूप गुप्ता, जागरण, बरेली। मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी जांचों की सुविधाएं मिल सके, जिससे उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए जिला अस्पताल में इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी बनाई जाएगी। इसके लिए राज्य स्तरीय टीम जिला अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर चुकी है। लैब के लिए 4,000 वर्ग फीट भूमि की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिला अस्पताल में अभी हीमोग्लोबिन, एलएफटी, केएफटी, थायरायड, शुगर फास्टिंग, एचबी-एवनसी समेत खून और यूरिन की जांचों के लिए पैथोलाजी लैब में जाना पड़ता है, जबकि टीबी, हेपेटाइटिस, ईसीजी सहित दूसरी जांचों के लिए मरीजों को इधर से उधर भटकना पड़ता है। इस दिक्कत को देखते हुए इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी को शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

    इस लेबोरेटरी की खासियत यह होगी कि यहां एक ही जगह पर सभी प्रकार की जांचों की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। जिला अस्पताल में इस लेबोरेटरी को बनाने के लिए करीब 4,000 वर्गफीट जमीन की तलाश की जा रही है, ताकि इसमें सभी मशीनों को सुव्यवस्थित तरीके से रखने के साथ की जांच की जांच कराने आने वाले मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी उठानी न पड़े।

    अधिकारियों का कहना है कि इस लेबोरेटरी को बनाने के लिए जिला अस्पताल में एक्सरे मशीन और महिला अस्पताल की ओपीडी के पुराने भवन को देखा गया है। इन दोनों को ही मिलाकर लेबोरेटरी के लिए जितनी जमीन की जरूरत है, उसे पूरा कराने करने की कोशिश की जा रही है।

    हर समय रहेगी जांचों की सुविधा

    इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरटरी में 90 प्रकार की जांच मिलेंगी। इसमें लैब टेक्नीशियन, माइक्रो बायोलाजिस्ट, एक बायोकेमिस्ट के साथ पैथोलाजिस्ट की तैनाती की जाएगी। संचारी और गैर संचारी रोगों से जुड़ी जांच 24 घंटे होगी। टीबी, मलेरिया, एड्स समेत अन्य पैथोलोजी में होने वाली जांचें भी हर समय कराई जाएंगी।

    जिला अस्पताल में पहले से संचालित लैब को विस्तारित करने की भी योजना है। चिकनगुनिया, स्क्रबटाइफस, मलेरिया, एक्ट्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, कालाजार, डायरिया, टीबी समेत संचारी रोगों से जुड़ी जरूरी जांचें होंगी। कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, आइडीएसपी, आरटीपीसीआर समेत समेत अन्य सभी गैर संचारी रोगों की महत्वपूर्ण जांच की जाएंगी।

    मूक-बधिरों की कान की जांच के लिए आडियोमेट्री भी शुरू करने की तैयारी

    मूक-बधिरों की जांच करने के लिए जिला अस्पताल में अभी आडियोमेट्री की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उन्हें जांच के लिए किंग चार्ज मेडिकल कालेज भेजा जा रहा है। दिव्यांजन कल्याण विभाग के सहयोग से पर आडियोमेट्री की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी जिला अस्पताल में एडी एसआइसी डा. अजय मोहन अग्रवाल से भी मिल चुके हैं।

    बता दें, आडियोमेट्री दर्द रहित सुनने की क्षमता का परीक्षण है, जो विभिन्न आवाज़ों और आवृत्तियों पर आवाज सुनने की क्षमता को मापता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपको सुनने में कोई कमी है या नहीं। यदि है, तो कितनी है, और सुनने की समस्याओं (जैसे शोर या उम्र के कारण) का पता लगाकर उचित इलाज (जैसे हियरिंग एड्स) तय करने में मदद करता है।

    इसमें आमतौर पर हेडफोन लगाकर अलग-अलग टोन सुनाए जाते हैं। आपको बटन दबाकर या हाथ उठाकर प्रतिक्रिया देनी होती है, जिसके नतीजे आडियोग्राफ पर दर्ज किए जाते है। यह सुविधा अभी जिला अस्पताल में नहीं है। इसे लेकर जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी जिला अस्पताल में भवन की मांग कर चुके हैं। एडीएसआइसी ने बताया कि जिला अस्पताल में जगह कम है। इससे दिक्कत आ रही है।

     

     

    इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी बनाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है। इसके बन जाने के बाद एक ही छत के नीचे तमाम तरह की जांचें आसानी से हो सकेगी। इससे मरीजों को इलाज कराने में भी काफी आसानी होगी।

    - डा. अजय मोहन अग्रवाल, एडीएसआइसी, जिला अस्तपाल


    यह भी पढ़ें- नगर निगम की सख्ती: बरेली कॉलेज के बाद अब रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के 14 बैंक खातों पर नगर निगम का ताला