BDA का 'डिजिटल प्रहार': अब घर का नक्शा पास कराना हुआ आसान, यूनिफाइड पोर्टल से मिलेगी झटपट NOC
बरेली में भवन निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृति अब आसान होगी। बीडीए ने एनओसी प्रक्रिया को सरल करते हुए 15 दिन में निस्तारण का लक्ष्य रखा है। यूनिफाइड ए ...और पढ़ें

बैठक में मौजूद अधिकारी
जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में भवन निर्माण को लेकर मानचित्र स्वीकृति में आड़े आने वाली विभिन्न विभागों की एनओसी अब नहीं लटकेगी। बीडीए ने मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाते हुए एनओसी संबंधित आवेदन 15 दिन में निस्तारित करने की योजना बनाई है। इसको लेकर बुधवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बीडीए में यूनिफाइड एनओसी मैनेजमेंट पोर्टल पर कार्यशाला आयोजित की गई।
साफ्टवेयर कंपनी मेसर्स अबेंट्रिक्स की ओर से पोर्टल की कार्यप्रणाली पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार आवेदक या आर्किटेक्ट आनलाइन माध्यम से संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं और पोर्टल पर आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
साथ ही, सभी संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों को लाग-इन प्रक्रिया, आवेदन परीक्षण, आपत्ति-स्वीकृति एवं समयसीमा के संबंध में विस्तार से अवगत कराया। इस दौरान बीडीए उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. ने सभी विभागों को अनापत्ति प्रमाण-पत्र से संबंधित प्राप्त होने वाले आवेदनों का अधिकतम 15 दिन के अंदर निस्तारण के निर्देश दिए, जिससे मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न हो और आमजन को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस दौरान ‘फास्ट पास माड्यूल’ के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि 100 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल के आवासीय एवं 30 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के व्यवसायिक मानचित्र, जो स्वीकृत तलपट मानचित्रों या प्राधिकरण की नियोजित कालोनियों के अंतर्गत आते हैं उन्हें एक रुपये की टोकन राशि जमा कर अब सेल्फ सर्टिफिकेशन के जरिए स्वीकृत कराया जा सकता है।
अनुमोदित ले-आउट में 500 वर्गमीटर तक के आवासीय प्रयोजन (बहु इकाई को छोड़कर) एवं 200 वर्गमीटर तक के व्यवसायिक प्रयोजन के भूखंडों में जहां योजनाएं एक अनुज्ञापित तकनीकी व्यक्ति द्वारा तैयार की गयी है ऐसे भूखंडों के मानचित्रों को पंजीकृत आर्किटेक्ट या लाइसेंसी इंजीनियर द्वारा निर्धारित शुल्क जमा कराकर स्वीकृत कराया जा सकेगा।
बीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि यह कार्यशाला मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया को डिजिटल, पारदर्शी, समयबद्ध एवं नागरिक-अनुकूल बनाने की दिशा में अहम होगी। इससे आमजन, आर्किटेक्ट एवं इंजीनियरों को त्वरित एवं सरल सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। इस दौरान तहसील प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, नगर निगम, भू-गर्भ जल विभाग, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग समेत अन्य विभागों के नोडल अधिकारी रहे।

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