'I love Muhammad से ऐतराज नहीं, लेकिन...', बरेली में पुलिस को क्यों करना पड़ा लाठीचार्ज?
बरेली में जुमा की नमाज के बाद आईएमसी प्रमुख के ज्ञापन न देने पर पुलिस ने लोगों को घर भेजना शुरू किया। नौमहला मस्जिद से आई लव मुहम्मद के नारे लगाते हुए भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया पर वे नहीं माने। मासूम किशोरों को आगे कर उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र किया जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

जागरण संवाददाता, बरेली। जुमा की नमाज अदा होने के बाद जब तय हो गया कि आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ज्ञापन देने के लिए नहीं जाएंगे तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझाते हुए घर भेजना शुरू कर दिया। इसी बीच नौमहला मस्जिद की ओर से सैकड़ों की संख्या में ''आई लव मुहम्मद'' के बैनर, पोस्टर, होर्डिंग लेकर नारेबाजी करते हुए भीड़ बढ़ने लगी तो पुलिस ने समझाया कि ''आइ लव मुहम्मद'' से किसी को कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन हंगामा करना गलत है। इसके बावजूद आक्रोशित भीड़ नही मानी।
हाथों में माइक और साउंड सिस्टम लेकर चल रहे एसपी ट्रैफिक अकमल खान ने उपद्रवियों की भीड़ को हर तरह से समझाने की कोशिश की। पुलिस ने नौमहला मस्जिद के पास ऐलान कि ''आई लव मुहम्मद'' से किसी को कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन यहां रुककर हंगामा न करें, आप लोग अपने घर चले जाएं।
एसडीएम सदर प्रमोद कुमार ने भी काफी देर तक समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। उपद्रवियों की माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र इस बात से समझा जा सकता है कि अधिकांश स्थानों पर मासूम किशोरों और नवयुवकों को आगे किया गया, जिससे कि उन पर पुलिस हमला न करे, उन्हीं बच्चों के हाथ में तख्तियां थीं। ऐसा इसलिए किया गया कि पुलिस बल प्रयोग न किया जाए। उपद्रवी युवकों के हंगामा करने पर पुलिस बल प्रयोग करके वहां से हटाना पड़ा।
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