Updated: Wed, 24 Sep 2025 02:48 PM (IST)
बरेली के सदर तहसील में एंटी करप्शन टीम ने एक ड्राफ्टमैन को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी ने नक्शा दुरुस्तीकरण के लिए एक दिव्यांग व्यक्ति से रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने पर टीम ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी ने दावा किया था कि काम 10 हजार से ज्यादा का है लेकिन दिव्यांग होने के कारण वह कम पैसे ले रहा था।
जागरण संवाददाता, बरेली। सदर तहसील से पकड़े गए ड्राफ्टमैन ने पीड़ित से पांच हजार नहीं बल्कि 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। कहा था कि पांच हजार काम होने से पहले और बाकी पांच हजार काम होने के बाद देने होंगे। इसी बीच एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया।
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कैंट के भरतौल गांव निवासी जितेंद्र बाबू ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी कि नक्शा दुरुस्तीकरण (तूताबंदी) के लिए सदर तहसील में चकबंदी विभाग के ड्राफ्टमैन राजीव मित्तल ने 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। जब उन्होंने कहा कि वह दिव्यांग हैं इतने रुपये की व्यवस्था नहीं कर सकता तो उन्होंने काम करने से इनकार कर दिया।
बात तय हुई कि दो किस्तों में रुपये दिए जाएं पांच हजार काम होने से पहले और बाकी पांच हजार काम होने के बाद। आरोप है कि आरोपित राजीव मित्तल ने कहा था कि यह काम 10 हजार रुपये से ज्यादा का है। तुम दिव्यांग हो इसलिए छोड़ रहा हूं। शिकायत पर जब एंटी करप्शन टीम ने जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद आरोपित को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
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