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    प्लांट तो ठीक होगा, पर मरीज कहां? बिना ICU और डॉक्टरों के कैसे काम आएगा ऑक्सीजन प्लांट?

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 10:55 PM (IST)

    शासन की नाराजगी के बाद बरेली के 300 बेड अस्पताल में खराब ऑक्सीजन प्लांट को ठीक करने का काम शुरू हो गया है। सेंसर मंगवाए गए हैं और दिल्ली से तकनीकी टीम ...और पढ़ें

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    अस्‍पताल पहुंची स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग की टीम

    जागरण संवाददाता, बरेली। स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए शासन से आई उच्चस्तरीय टीम की नाराजगी के बाद तीन सौ बेड अस्पताल में काफी समय से खराब पड़े आक्सीजन प्लांट को ठीक कराने की कवायद शुरू हो गई। इसके लिए सेंसर मंगवाने के साथ दिल्ली से टेक्निकल टीम ने भी डेरा डाल दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर आक्सीजन प्लांट को ठीक करा दिया जाएगा।

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    ज्वाइंट डायरेक्टर (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) डा. एसके ध्रुव के नेतृत्व में टीम शुक्रवार को तीन सौ बेड अस्पताल पहुंची थी। वहां प्रभारी सीएमएस डिप्टी डीटीओ डा.अमित कुमार टीम के साथ रहे। करोड़ों खर्च कर स्थापित किया गया आक्सीजन प्लांट का सेंसर भी काम नहीं करता मिला।

    इस पर टीम ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने तेजी पकड़ी और फिर से सीएमओ सहित अन्य उच्चाधिकारियों को लिखा-पढ़ी की। इसका नतीजा यह रहा कि कई महीनों से खराब पड़ी आक्सीजन प्लांट को दोबारा चालू करने के लिए न केवल नए सेंसर मंगवा लिए गए, बल्कि इन्हें जल्द ही लगाने के लिए दिल्ली से टेक्निकल टीम भी पहुंच गई है।

    मंगलवार से टीम ने काम करना शुरू कर दिया है। बुधवार को खराब सेंसर को हटाकर उनकी जगह पर नए लगवाने का काम भी शुरू हो जाएगा। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि एक हफ्ते के अंदर आक्सीजन प्लांट चालू हो जाएगा। बाद में इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।

    आइसीयू न मरीज की चिंता, आक्सीजन प्लांट की अभी क्या उपयोगिता

    तीन सौ बेड अस्पताल में अभी आंख-कान और कान के साथ दांतों का ही इलाज को रहा है। इसके अलाव एंटी रैबीज वैक्सीन यानी एआरवी लगाई जा रही है। गंभीर और आपातकालीन मरीजों के लिए अभी न तो यहां आइसीयू है और न ही चिकित्सकों की तैनाती है। शासन से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम को इसकी कोई चिंता तो नहीं दिखाई दी लेकिन आक्सीजन प्लांट ठीक न होने पर जरूर नाराजगी जाहिर कर दी है।

    सवाल ये है कि आक्सीजन प्लांट ठीक भी हो गया तो मरीज को भर्ती होने की सुविधा दिए बिना इसकी क्या उपयोगिता रहेगी। बता दें कि कोविड काल के दौरान तीन सौ बेड अस्पताल का संचालन आनन-फानन में शुरू तो करा दिया लेकिन यहां चिकित्सकों की स्थायी तैनाती अब तक नहीं की गई है। जिला अस्पताल के कुछ चिकित्सकों की यहां अस्थायी तैनाती कर सिर्फ ओपीडी की सुविधा ही दी जा रही है।

     

    अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के सेंसर खराब थे। उनकी जगह पर नए सेंसर मंगवा लिए गए हैं। साथ ही टेक्निकल टीम भी अस्पताल में पहुंच गई है। कोशिश की जा रही है कि एक सप्ताह के अंदर ही इस प्लांट को हर हाल में शुरू करा दिया जाए।

    - डा. इंतजार अली, सीएमएस, तीन सौ बेड अस्पताल


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