Barabanki Bus Accident :बाराबंकी बस दुर्घटना में सामने आई संवेदनहीनता, घायल लोग मदद के लिए बुलाते रहे और लोग वीडियो मनाने में मस्त
Inhuman Approach By Youth in Barabanki Bus Accident युवक यात्रियों को बचाने के बजाए उसका वीडियो बनाने लगा। इस पर बस के अंदर फंसी महिला शैल कुमारी चिल्लाने लगीं। उन्होंने कहा कि हमारी यहां जिंदगी मौत से हम जूझ रहे हैं और तुम वीडियो बना रहे हो। अगर आकर पेड़ की डाल हटवाने में मदद करते तो हम लोग बाहर निकल आते।

जागरण संवाददाता, बाराबंकी : सतरिख में बस पर पेड़ गिरने की घटना के बाद लोगों की संवेदनहीनता और विवेक शून्यता जिस तरह से सामने आई, यह भविष्य के लिए बेहद गंभीर संकेत हैं। शुक्रवार को राजाबाजार की घटना के बाद यह सामने आ ही गया। बस में दबे लोग दर्द से कराहते हुए मदद की गुहार लगा रहे थे, लेकिन युवा वीडियो बनाने में लगे थे।
हरख के राजाबाजार में बस पर गिरे विशालकाय पेड़ के बाद यात्री बचाव की पुकार कर रहे थे और संवेदनहीन और विवेक शून्य होते जा रहे लोग इस अवसर को भी सेलिब्रेट कर रहे थे। युवक यात्रियों को बचाने के बजाए उसका वीडियो बनाने लगा। इस पर बस के अंदर फंसी महिला शैल कुमारी चिल्लाने लगीं। उन्होंने कहा कि हमारी यहां जिंदगी मौत से हम जूझ रहे हैं और तुम वीडियो बना रहे हो। अगर आकर पेड़ की डाल हटवाने में मदद करते तो हम लोग बाहर निकल आते।
इतने में पुलिस कर्मी आ गए और उसे हेलमेट पहनाकर बचाव कार्य शुरू किया। पेड़ की शाखा का काटा गया, तब जाकर उस महिला को बाहर निकाला। दुर्घटनाग्रस्त बस में अधिकतर सवार सरकारी टीचर थे। शैल कुमारी शिक्षा मित्र है, जो जिला अस्पताल में भर्ती है। काफी मशक्कत के बाद घायलों को निकाला गया। इसमें करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय लग गया।
आभासी दुनिया में विलुप्त हो रहे युवाओं के मानवीय मूल्य
महिला कहना था कि ऐसे मामलों में ज्यादातर लोग बचाने के बजाए वीडियो बनाने लगते हैं। यह गलत है, जो भी लोग बस में बचे थे, उन्हें बचाना चाहिए था। लोग कुछ देर तक बचाव में आए ही नहीं। इसका वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित हो रहा है।
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बस में करंट के डर से तुरंत मदद करने नहीं पहुंचे लोग
हैदरगढ़ जा रही बस पर अचानक गुलर का पेड़ गिरने से पहले 11 हजार की लाइन पर पेड़ गिरा। करंट की संभावना के कारण आसपास के लोग तुरंत बस के पास मदद करने नहीं पहुंचे। बिजली विभाग ने सूचना के बाद 11 हजार की लाइन को तत्काल बंद करा दिया।
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अगर बिजली विभाग ने लाइन तत्काल न बंद कराई होती तो करंट भी बस में फैल सकता था। अधिशाषी अभियंता घनश्याम त्रिपाठी का कहना है कि सूचना मिलते तत्काल 11 हजार लाइन की बिजली को बड़ेल उपकेंद्र से बंद करा दिया गया था।
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