यूपी बोर्ड का बड़ा फैसला, अब स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति आनलाइन दर्ज होगी
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा परिषद ने स्कूलों में हाजिरी व्यवस्था को डिजिटल करने का निर्णय लिया है। जुलाई 2026 से सभी स्कूलों में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इस व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और शिक्षण व्यवस्था की निगरानी में सुधार होगा। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इसके लिए विशेष पोर्टल बनाया है।

जागरण संवाददाता, बांदा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्कूलों में पारंपरिक हाजिरी व्यवस्था का डिजिटलीकरण करने का निर्णय लिया है। जुलाई से प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति आनलाइन दर्ज की जाएगी। हालांकि इस सत्र में शिक्षकों की आनलाइन हाजिरी को लेकर शासनादेश जारी हुआ था, जिसे शिक्षकों ने विरोध किया और कुछ अन्य कारणों के चलते यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी। नए शिक्षा सत्र में शासन ने शिक्षक व छात्र दोनों की पोर्टल पर आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। यह व्यवस्था जुलाई 2026 से अनिवार्य रूप से शुरू कर दी जाएगी।
मंडल के चारों जिलों में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के कुल 539 कालेज संचालित हैं। जिसमें से राजकीय इंटर कालेज 142, अशासकीय 79 व वित्त विहीन कालेजों की संख्या 318 है। यदि जिलेवार देखा जाए तो बांदा में माध्यमिक के कुल 173 कालेजों में से 48 राजकीय, 30 अशासकीय व वित्त विहीन के 95 कालेज हैं। चित्रकूट में कुल 111 कालेजों में 29 राजकीय, 16 अशासकीय व 66 वित्त विहीन कालेज हैं।
हमीरपुर में कुल 152 कालेजों में से 31 राजकीय, 22 अशासकीय व 99 वित्त विहीन कालेज हैं। इसी प्रकार से महोबा में 103 कालेजों में 34 राजकीय, 11 अशासकीय व 58 वित्त विहीन कालेज हैं। इनमें से राजकीय कालेजों में 55173, अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में 1,24,602 व प्राइवेट कालेजों में 2,13,450 छात्र अध्ययनरत हैं।
शासन ने अब शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति को आनलाइन कर हाजिरी व्यवस्था का डिजिटलीकरण करने जा रहा है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से न केवल उपस्थिति व्यवस्था पारदर्शी बनेगी, बल्कि शिक्षण व्यवस्था की निगरानी और गुणवत्ता सुधार में भी यह मददगार सिद्ध होगी। स्कूलों के प्रधानाचार्य प्रतिदिन आनलाइन पोर्टल पर सभी छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति भरेंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से इसके लिए विशेष पोर्टल तैयार किया गया है।
इस डिजिटल प्रणाली का डेमो 23 जून को होगा। आनलाइन उपस्थिति प्रणाली का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यालयों में पढ़ाई नियमित रूप से हो और शिक्षक समय पर स्कूल में उपस्थित रहें। इससे फर्जी उपस्थिति पर भी रोक लगेगी। साथ ही छात्र उपस्थिति का वास्तविक डाटा मिलने से ड्रापआउट दर को नियंत्रित करने और छात्रों की पढ़ाई की निगरानी में भी सहायता मिलेगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के कालेजों में शिक्षक व छात्रों की आनलाइन उपस्थिति अनिवार्य की गई है। इससे जुड़े सभी दिशा-निर्देश जिला स्तर पर सभी डीआइओएस को भेजे जा रहे हैं।
राजू राणा, संयुक्त शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
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