बांदा में भाजपा ने संजय सिंह को बनाया जिलाध्यक्ष, विरासत में मिली राजनीति; युवा मोर्चा से शुरू किया था सफर
भाजपा जिलाध्यक्ष बने संजय सिंह ने 1988 में युवा मोर्चा से राजनीतिक सफर शुरू किया। अपनी मेहनत लगन और वाकपटुता के जरिए उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष का मुका ...और पढ़ें

बांदा, जागरण संवाददाता। भाजपा जिलाध्यक्ष बने संजय सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। उनके परदादा यहां जनसंघ के पहले विधायक बने थे। बाबा बिंदकी से विधायक रहे। संजय सिंह ने 1988 में युवा मोर्चा से राजनीतिक सफर शुरू किया।
अपनी मेहनत, लगन और वाकपटुता के जरिए उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष का मुकाम हासिल किया। पुराने और रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने की कला में वह माहिर हैं। नए कार्यकर्ताओं में ऐसा जोश भरते हैं कि हर कार्यकर्ता समर्पण के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में सहयोग करता है।
अतर्रा कस्बा के स्टेशन रोड निवासी संजय सिंह अर्थशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्होंने 1984 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद 1988 से भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष से राजनीति की शुरुआत की। 1990 में युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष का दायित्व संभाला। दो वर्ष बाद ही संगठन ने इन्हें भाजपा युवा मोर्चा का जिला महामंत्री नियुक्त किया।
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संजय सिंह अपनी मेहनत व सक्रियता के जरिए भाजपा में आगे बढ़ते रहे। इसके बाद इन्हें पंचायत प्रकोष्ठ का जिला संयोजक बनाया गया। 2008 में सहकारिता प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष का दायित्व मिला। भाजपा ने फिर इन्हें जिला कार्य समिति सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद लगातार तीन बार भाजपा जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई। फरवरी 2022 में भाजपा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद के विधायक चुने जाने के बाद जिला संयोजक का दायित्व सौंपा गया। अब भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने संजय सिंह को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।
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संजय इन पदों पर भी रहे आसीन
संजय सिंह वर्ष 1991 में मंडी समिति के सदस्य रहे। इसके अलावा 1995 से 2012 तक लगातार नगर पालिका के सभासद भी रहे। 2002 में नगर पालिका अतर्रा के वाइस चेयरमैन बने। इनके परबाबा मतोला सिंह ने चित्रकूट में जनसंघ की स्थापना की थी। वर्ष 1962 में मतोला सिंह नरैनी विधान सभा से जनसंघ के पहले विधायक बने। जबकि इनके बाबा जगन्नाथ सिंह भी राजनीति में सक्रिय रहे। वह 1977 में फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा से विधायक रहे। नगर पालिका अतर्रा में जगन्नाथ सिंह 1955 व 1965 में दो बार चेयरमैन भी रहे। जबकि संजय सिंह के पिता किसान हैं।

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