बलिया की बेटी दिव्यांशी ने रचा इतिहास, फतह किया लद्दाख का अजेय माना जाने वाला ‘माउंट लामो’
बलिया की बेटी दिव्यांशी ने इतिहास रच दिया है। भारतीय सेना की मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की 11 महिला अधिकारियों की टीम के साथ दिव्यांशी ने लद्दाख की याबत तोपो घाटी की 6120 मीटर ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक आरोहण किया। इस खबर से उनके गांव दुबहर में खुशी की लहर दौड़ गई।

जागरण संवाददाता, बलिया। पंख लेकर आसमां को, चीरती है बेटियां इस लोकोक्ति को बलिया की बेटी ने चरितार्थ करके दिखाया है। भारतीय सेना की मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की 11 महिला अधिकारियों की टीम ने अदम्य साहस और संकल्प का परिचय देते हुए बलिया की बेटी दिव्यांशी ने लद्दाख की याबत तोपो घाटी की अब तक अनछुई रही 6,120 मीटर ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक आरोहण कर इतिहास रच दिया।
इसकी जानकारी होते ही उनके गांव दुबहर में खुशी से लाेग झूम उठे। गांव की दादी चित्रा पांडेय का कहना है कि दिव्यांशी जब 17 साल की थी तो वह 18 मई 2019 में गांव आई थी।
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उस समय घर पर भागवत कथा का आयोजन किया था। दिव्यांशी कृष्ण की भूमिका अदा की थी। वह बचपन से ही होनहार थी। हालांकि दिव्यांशी के गांव इस समय कोई नहीं है।
उनके पिता लखनऊ में ही घर बनवाकर रह रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि दादा उमाशंकर पांडेय हवलदार तो उनके पिता दिलीप कुमार पांडेय सुबेदार तथा बड़े पिता मनोज कुमार पांडेय भारतीय सेना की सेवा की है। देव्यांशी ने जागरण को फोन पर बताया कि उनकी मां मधु पांडेय की निरंतर प्रेरणा मिलती रहती थी। राष्ट्रप्रेम उनके परिवार की रगों में भरा है।
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