बलिया में शादी घोटाला की वजह से दो साल से शादी की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे लोग, आंकड़ा शून्य पर ठिठका
बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना दो साल से ठप पड़ी है। सरकार ने योजना के तहत राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी है जिसमें कन्या के खाते में 60 हजार भेजे जाएंगे। पिछले साल फर्जीवाड़ा होने के बाद से विभाग सुस्त है और अधिकारी आवेदन कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं जिसके कारण योजना अटकी हुई है।
जागरण संवाददाता, बलिया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के जिले में दो साल से शून्य पर ही टिकी है। बलिया में नया लक्ष्य 1360 कन्याओं का विवाह का है, लेकिन अधिकारियाें की लापरवाही से इस योजना में लोग आवेदन ही नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश में कहीं नहीं है।
अब इस योजना के तहत बेटियों के विवाह पर 51 हजार की जगह एक लाख रुपये खर्च करने हैं। बलिया जिले की नजीर साबित होने वाली सामूहिक विवाह की इस योजना के बाद से प्रशासन से लेकर आम जनता तक मानो दहशह की स्थिति है।
कन्या के खाते में 60 हजार रुपये भेजे जाएंगे 25 हजार रुपये का उपहार दिया जाएगा और 15 हजार रुपये आयोजन पर खर्च होंगे। फिर भी जिला समाज कल्याण विभाग की सुस्ती से इस योजना की प्रगति शून्य है। जबकि जिलाधिकारी के द्वारा हर माह होने वाली समीक्षा बैठक में इसके लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। पिछले वर्ष जिले में 1640 बेटियों की शादी कराने के लक्ष्य के सापेक्ष दो आयोजनों में 1285 कन्याओं के विवाह में 250 से अधिक अपात्र पाए गए थे।
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कई विवाहिता दोबारा आयोजन में शामिल थीं, वहीं कुछ स्वयं से ही वरमाला अपने गर्दन में डाल रहीं थीं। फर्जीवाड़ा का मामला पकड़ में आने पर सहायक विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण विभाग के लिपिक सहित कुल 17 लोगों को जेल भेजा गया था। उसके बाद से कोई आयोजन नहीं हुआ।
विभाग के अधिकारी भी आवेदन कराने की दिशा में गंभीर नहीं है। गांवों में इस आयोजन में शामिल हाेने के लिए पात्रों की कमी नहीं है, लेकिन विभाग के अधिकारी ही नहीं चाहते कि कोई आवेदन करे। पहले जनप्रतनिधि भी अपने-अपने क्षेत्र में सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए पात्रों से आवेदन कराते थे और स्वयं कन्यादान भी करते थे, लेकिन अब वह भी इसके लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
बोले अधिकारी
-मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए आवेदन कराने के लिए ब्लाकों को भी कहा गया है। कुछ आवेदन आए हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। -रमेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बलिया।
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