बलिया में तेजाब हमले के पीड़ित युवक की मौत, पुलिस पर उठे सवाल, आरोपित पकड़ से बाहर
बलिया के बांसडीह में तेजाब हमले के पीड़ित राजकुमार तिवारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। प्रेम प्रसंग के चलते हुए इस हमले में वह बुरी तरह झुलस गया था। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही जिसके चलते राजकुमार की जान चली गई।

जागरण संवाददाता, बलिया। बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के हुसेनाबाद गांव में एक युवक पर तेजाब फेंकने के मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब पीड़ित ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के अनुसार, युवक राजकुमार तिवारी को गांव के बाहर बुलाकर तीन-चार लोगों ने उस पर तेजाब फेंक दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया है।
पीड़ित युवक को चालीस प्रतिशत जलने के निशान आए थे। इस घटना की जानकारी मिलने पर उसकी मां लहुति देवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में दुर्गेश पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जो मुख्य आरोपी माना जा रहा था।
बुधवार की सुबह ही परिवार की महिलाएं मृत युवक के फोटो के साथ डीएम कार्यालय पहुंचकर रोते बिलखते इंसाफ की मांग करने लगीं तो वहीं दूसरी ओर मां सविता देवी, बहन नेहा का रो-रोकर बुरा हाल है।
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अब तेजाब से झुलसे युवक की मौत होने के बाद भी छह दिन बाद भी आरोपित नहीं पकड़े जा सके हैं।प्रेम प्रसंग के चलते हुए तेजाब हमले में गंभीर रूप से झुलसे राजकुमार तिवारी की मंगलवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपिटन को पकड़ने में नाकाम रही, जिसके चलते पीड़ित को अपनी जान गंवानी पड़ी।
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परिजनों ने बताया कि बीते गुरुवार को हुसैनाबाद निवासी राजकुमार तिवारी को पेवन के ढाला, खेवसर गांव में बुलाया गया था। जहां अज्ञात हमलावरों ने उस पर तेजाब फेंक दिया था। इस हमले में राजकुमार बुरी तरह झुलस गया था। उसकी दादी लहासु देवी की तहरीर पर पुलिस ने दुर्गेश पांडेय सहित चार अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
घटना के बाद से ही पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी होने का दावा कर रही थी। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसी बीच, जिंदगी और मौत से जूझ रहे राजकुमार ने मंगलवार की रात दम तोड़ दिया।
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