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    UP News : किसान दिवस का बहिष्कार, मंत्री के घेराव का ऐलान, पुलिस से धक्का-मुक्की, इस कारण भड़के किसान

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    Baghpat News बागपत में एनएचएआइ अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण किसानों ने किसान दिवस का बहिष्कार किया और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मुआवजे अंडरपास की ऊंचाई आद‍ि मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की। राज्यमंत्री के कार्यक्रम में जाकर विरोध जताने से रोकने के प्रयास में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई जिसके बाद किसानों ने धरना दिया।

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    बागपत जिला अस्पताल में जाते भाकियू कार्यकर्ताओं को रोकते पुलिसकर्मी। जागरण

    जागरण संवाददाता, बागपत। एनएचएआइ के अधिकारियों के नहीं आने से भड़के किसानों ने विकास भवन में किसान दिवस का बहिष्कार किया। किसानों ने राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी के कार्यक्रम में जाकर विरोध जताने का ऐलान कर जिला अस्पताल के लिए कूच कर दिया। वहां गेट पर पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। यहां किसानों ने धरना दिया। 

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    बुधवार को दोपहर 12 बजे विकास भवन में किसान दिवस शुरू हुआ। डिप्टी कलक्टर मनीष यादव समेत अधिकारी समस्या सुनने लगे। किसानों ने कहा कि निर्माणाधीन दिल्ली-देहारादून ग्रीन फील्ड हाईवे में गई जमीन का कुछ किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिला, रास्ते तोड़ दिए, अंडरपास कम ऊंचाई के बने हैं तथा खेतों से उठाई गई मिट्टी का मुआवाज नहीं मिला।

    जवाब देने के लिए एनएचएआइ के अधिकारियों के मौजूद नहीं रहने पर भाकियू के एनसीआर महासचिव प्रदीप धाम तथा हिम्मत सिंह के किसान दिवस का बहिष्कार का ऐलान करने पर किसान बाहर आकर प्रदर्शन कर धरना देने लगे।

    वहीं, पास में जिला अस्पताल में स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार कार्यक्रम में प्रदेश के औद्योगिक विकास राज्य मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री जसवंत सिंह सैनी, रालोद सांसद डा. राजकुमार सांगवान मौजूद थे। किसानों ने इस कार्यक्रम में जाकर विरोध जताने को जिला अस्पताल के लिए कूच किया। किसान जैसे ही जिला अस्पताल के गेट पर पहुंचे वैसे ही उन्हें रोकने के प्रयास में पुलिस से धक्का-मुक्की हो गई।

    भाकियू जिलाध्यक्ष चौ. प्रताप सिंह गुर्जर ने कहा कि अधिकारी किसानों की समस्या सुनने को तैयार नहीं हैं। भाकियू एनसीआर महासचिव ने कहा कि मंत्री का घेराव किया जाएगा।

    जिला अस्पताल परिसर में शुरू किया धरना 

    काफी धक्का-मुक्की के बाद मंत्री के कार्यक्रम तक जाने में नाकाम रहने पर किसानों ने जिला अस्पताल परिसर में दोपहर 1:15 बजे धरना शुरू किया। डीएम अस्मिता लाल ने 23 सितंबर को एनएचएआइ अधिकारियों को बुलाने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। बाद में डीएम ने विकास भवन में किसानों की समस्याओं को सुना और स्वच्छता की शपथ दिलाई। सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव, एडीएम पंकज वर्मा, कृषि उप निदेशक विभाति चतुर्वेदी, बिजेंद्र सिंह, शिवदत्त शर्मा, उपेंद्र तोमर, बिल्लू राणा आदि किसान मौजूद रहे।

    किसानों ने इन समस्याओं को उठाया

    किसानों ने बकाया गन्ना भुगतान, बाढ़ कटान रोकने को यमुना पर तटबंध बनवाने, बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने, विकास प्राधिकरण की मनमानी, उर्वरक दिलाने, सहकारिता में तीन के बजाय सात प्रतिशत ब्याज वसूली, मिट्टी खनन में उत्पीड़न, सड़के टूटने की समस्या गिनाई। दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाइवे टूटने के कारण टोल वसूली बंद कराने, टटीरी में पाइपलाइन लीकेज होने से 50 मकानों में आई दरार पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।