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    लाइलाज बीमारी रेबीज से बचाने के लिए UP के इस जिले में हुई अनोखी पहल, आवारा कुत्तों को मुफ्त टीका लगना शुरू

    By Zaheer Hasan Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 03:41 PM (IST)

    बागपत प्रशासन ने जिले को रेबीज मुक्त बनाने के लिए आवारा कुत्तों को मुफ्त 'रक्षा रेब' इंजेक्शन लगाने की अनूठी पहल की है। यह अभियान शुरू करने वाला बागपत ...और पढ़ें

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    खेकड़ा के पशु चिकित्सालय पर कुत्ते को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाते चिकित्सक। सौ. कर्मचारी

    जागरण संवाददाता, बागपत। लाखों लोगों के लिए राहत की खबर। प्रशासन व पशुपालन विभाग ने बागपत को रेबीज मुक्त बनाने को आवारा कुत्तों को मुफ्त रक्षा रेब इंजेक्शन लगाने की अनोखी पहल की है। आवारा कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने के मामले में बागपत यूपी का पहला जिला होगा। उद्देश्य लोगों को लाइलाज रेबीज से बचाना है। पहले दिन 30 आवारा कुत्तों को रक्षा रेब के इंजेक्शन लगाए गए।

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    जिले में आठ हजार पालतू तथा आवारा कुत्ते घूम रहे हैं। रेबीज रोग लाइलाज है। आवारा कुत्तों के हमलों से न केवल इंसान बल्कि पशु भी रेबीज की चपेट में आते हैं। पशुपालन विभाग ने अब सभी 32 पशु अस्पतालों में आवारा कुत्तों को मुफ्त रक्षा वेब इंजेक्शन लगाने की पहल की है।

    कोई भी व्यक्ति अपनी गली या गांव में घूमते आवारा कुत्तों को एंटी रेबीज से बचाव को रक्षा रेब इंजेक्शन लगवा सकते हैं। पशु अस्पतालों में रक्षा रेब यानी एंटी रेबीज वैक्सीन की 600 डोज उपलब्ध कराई गई हैं। पशु अस्पतालों में रक्षा रेब इंजेक्शन का शुल्क 10 रुपये वसूला जाता है, मगर आवारा कुत्तों को मुफ्त लगेगा।

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    पशुपालन विभाग का दावा है कि यूपी में बागपत ऐसा पहला जिला है जहां आवारा कुत्तों को मुफ्त रक्षा रेब इंजेक्शन लगाने की पहल की गई है। मंगलवार को आवारा कुत्तों का टीकाकरण करने को यह विशेष अभियान शुरू हो गया है। पहले दिन 30 आवारा कुत्तों को रक्षा रेब के इंजेक्शन लगाए गए।

    पहले शुरू हुआ था पालतू कुत्तों का टीकाकरण

    पशुपालन विभाग ने अगस्त में पालतू कुत्तों को रेबीज से बचाव को मुफ्त रक्षा रेब इंजेक्शन लगवाने का अभियान शुरू कराया था जो जारी है। इसमें अब तक 731 पालतू कुत्तों को रक्षा रेब के इंजेक्शन लग चुके हैं।

    रेबीज लाइलाज घातक बीमारी, पीड़ित की मृत्यु निश्चित

    रेबीज घातक बीमारी है, जो न केवल मनुष्यों बल्कि जानवरों के लिए 100 प्रतिशत घातक होती है। यह वायरस जानवरों और मनुष्यों के तंत्रिका तंत्र पर हमला कर मस्तिष्क में सूजन पैदा करता है। एक बार लक्षण प्रकट होने पर इलाज संभव नहीं है। पीड़ित की मृत्यु निश्चित होती है।

    इन्हें लगवाएं रक्षा रेब इंजेक्शन

    सावधानी बरतें और कुत्ते बिल्ली को निश्शुल्क रक्षा रेब इंजेक्शन लगवाएं। पालतू जानवरों में तीन माह की उम्र के बाद पहला टीका और उसके बाद हर साल बूस्टर डोज लगवाना आवश्यक है। सीवीओ डा. अरविंद त्रिपाठी के अनुसार डीएम के निर्देश पर आवारा कुत्तों को रक्षा रेब का इंजेक्शन लगाने को एक सप्ताह का विशेष अभियान शुरू किया है। आवारा कुत्तों का टीकाकरण करवाना चाहिए। एंटी रेबीज वैक्सीन की कमी नहीं होने दी जाएगी।

    रेबीज के लक्षण

    जानवरों में रेबीज के लक्षणों में अचानक व्यवहार में बदलाव, अत्यधिक आक्रामकता तथा असामान्य शांति, भूख न लगना, पानी पीने में डर (हाइड्रोफोबिया), अत्यधिक लार टपकना, चलने में कठिनाई, दौरे पड़ना और लकवा शामिल हैं। लक्षण प्रकट होने के बाद अधिकांश जानवर सात से 10 दिनों में मर जाते हैं।

    रेबीज के 99 प्रतिशत मामले कुत्तों के काटने से

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में 99 प्रतिशत से अधिक रेबीज संक्रमण के मामले कुत्तों के काटने से होते हैं। वायरस संक्रमित लार से, काटने, खरोंचने या खुले घाव, आंख, नाक या मुंह की श्लेष्म झिल्ली पर लगने से फैलता है। यह संक्रमण सभी स्तनधारी जीवों में हो सकता है।