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    रायता कांड: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खत्म किया रैबीज का डर, कहा- हांडी में उबले दूध से कोई खतरा नहीं

    Updated: Thu, 01 Jan 2026 12:51 AM (IST)

    कछला के पिपरौल गांव में रैबीज के डर से मची खलबली पर स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग की टीम ने विराम लगा दिया है। टीम ने जांच में पाया कि दावत में रायता बना ...और पढ़ें

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    पिपरौल गांव में मामले की छानबीन करती स्वास्थ्य और पशु पालन विभाग की टीम। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, कछला। पिपरौल गांव में पिछले पांच दिन से रैबीज को लेकर खलबली मची हुई है। लोगों में दहशत का माहौल है। इसको लेकर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग की टीम गांव पहुंची और पूरे मामले की छानबीन की। वहां जाकर पता चला कि दूध को हांडी में उबाला गया था, जिससे रैबीज का खतरा बिल्कुल नहीं है।

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    टीम ने ग्रामीणों को समझाया है कि उन्हें डरने की बात नहीं है। अगर उन्हें कहीं शक है तो वह स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर आराम से वैक्सीन लगवा सकते हैं। बुधवार को कछला के नवीन स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. महेश प्रताप सिंह, फार्मासिस्ट चंद्र प्रकाश और पशुपालन विभाग से पशुधन प्रसार अधिकारी डा. शिवेंद्र सिंह चौहान, डा. विवेक महेश्वरी और डा. सुमित टीम अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे थे।

    उन्होंने सबसे पहले जिस जगह पर भैंस की मृत्यु हुई और उसे जहां दफनाया गया था। उस जगह को देखा। जिस भैंस की मृत्यु हुई थी, उसे जेसीबी से गड्ढा करवा कर काफी गहराई में दफनाया गया था और उसके आसपास चूना भी डाला दिया गया था। बाद में उन्होंने जिस जगह पर दूध गर्म हुआ था। वह उस जगह का भी निरीक्षण किया।

    छानबीन के दौरान पता चला कि वह दूध हांडी में उबाला गया था। उसी दूध से मट्ठा बना था और उसी मट्ठे से रायता बनाया गया था। ऐसी स्थिति में मट्ठे में रैबीज का खतरा नहीं है। टीम ने ग्रामीणों को बताया कि हांडी में दूध लगातार उबलता रहता है और वहां किसी भी प्रकार का वायरस रहने की उम्मीद नहीं होती।

    इससे लोगों को डरने की कोई बात नहीं है। इस दौरान ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जिस पागल कुत्ते ने भैंस को काटा था। उसी कुत्ते ने दूसरे कुत्तों को भी काट कर घायल कर दिया था, जिससे कई कुत्तों में रैबीज होने का खतरा बना हुआ है। इसको लेकर पशुपालन विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। उन्होंने कहा है कि जो भी चीजें सामने आएंगीं। उनकी जांच कराई जाएगी और तत्काल उसका समाधान भी कराया जाएगा।

     

    आज स्वास्थ्य विभाग और पशु पालन विभाग की टीम गांव पहुंची थी। ग्रामीणों से मामले की छानबीन की और पूरी सच्चाई का पता लगाया। फिलहाल गांव वालों को डरने की बात नहीं है। जहां दूध उबाला गया था, उसमें वायरस रहने का कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। अगर फिर भी लोगों को शंका है तो वह वैक्सीन लगवा सकते हैं।

    - डा. महेश प्रताप सिंह, प्रभारी नवीन स्वास्थ्य केंद्र कछला


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