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    क्या रायते से भी होता है रैबीज? उझानी की इस घटना ने पूरे यूपी को चौंकाया, जानें पूरा मामला

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:28 PM (IST)

    उझानी के पांच गांवों में पागल कुत्ते द्वारा काटी गई भैंस के दूध से बने रायते के सेवन के बाद रेबीज का डर फैल गया है। एक तेरहवीं की दावत में यह रायता पर ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    संवाद सूत्र, जागरण, कछला। इस समय उझानी कोतवाली क्षेत्र के पांच गांव में रैबीज की दहशत फैली हुई है। लोग इतना डरे हुए हैं कि वह एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल दौड़ रहे हैं। इससे उझानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी भीड़ बढ़ गई है।

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    बताया जा रहा है कि क्षेत्र के पांच गांव के लोगों ने एक दावत में रायता खाया था और वह रायता उस भैंस के दूध से बना था, जिसको पागल कुत्ते ने काट लिया था। कोतवाली क्षेत्र के गांव पिपरौल निवासी बुजुर्ग रोहन की अभी कुछ दिन पहले मृत्यु हो गई थी। 23 दिसंबर को उनकी तेरहवीं थी। इससे परिवार वालों ने पिपरौल और नजदीक के चंदनपुर, तेलिया नगला, बड़े नगला और हुसैनपुर गांव के लोगों को भी दावत दी थी।

    बताया जा रहा है कि इस दावत में पूरी सब्जी के अलावा रायते का भी इंतजाम था और वह रायता पड़ोस के टिंकू की भैंस के दूध से बना था। बताया जा रहा है कि 15 दिन पहले ही टिंकू की भैंस को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिससे उसकी भैंस भी पागल हो गई थी और 25 दिसंबर को उसकी मृत्यु हो गई।

    जब लोगों को पता चला कि उन्होंने भी भैंस के दूध के मट्ठे से बना रायता खाया है तो लोगों में रैबीज की दहशत फैल गई और फिर लोग स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल की ओर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए दौड़ पड़े। पिपरौल निवासी टिंकू साहू, भोले, आशीष, मुनेंद्र, विजेंद्र, आलोक, गोपाल, प्रमोद, राजा, विजय अनुराग आदि लोगों ने बताया कि वह अपना इंजेक्शन लगवा चुके हैं और गांव के बाकी लोग इंजेक्शन लगवा रहे हैं।

     

     

    112 पीआरवी की सूचना पर भैंस को पागल कुत्ते द्वारा काटने की जानकारी हुई थी। जब तक वह मौके पर पहुंचे, तब तक पशुपालक ने किसी डाक्टर से एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवा दिया था। भैंस में रैबीज के कुछ लक्षण लग रहे थे, जिसकी जानकारी पशु चिकित्सा अधिकारी को दे दी गई थी। उसकी हालत नाजुक थी, जिससे भैंस का उपचार नहीं हो सकता।

    - डा. शिवेंद्र सिंह चौहान, पशुधन प्रसार अधिकारी कछला

     

     

    यह सब बातें दूध के ऊपर निर्भर करती हैं कि दूध कितना पका हुआ है। पागल कुत्ते या पागल जानवर के पास से गुजर जाने से भी लक्षण होने की संभावना हो जाती है। जो भी व्यक्ति आ रहे हैं, सभी को वैक्सीनेशन कराया जा रहा है।

    - डा. महेश प्रताप सिंह, प्रभारी नवीन स्वास्थ्य केंद्र कछला


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