Haridwar Stampede: बदायूं के दंपती की भगदड़ में मौत, मुसीबतों ने नहीं छोड़ा पीछा; डेडबॉडी ला रही एंबुलेंस खराब
उत्तराखंड के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के दौरान बदायूं के दातागंज क्षेत्र के एक गांव के बुजुर्ग दंपति की मृत्यु हो गई। करंट फैलने की अफवाह के बाद मची भगदड़ में पांच श्रद्धालु फंस गए थे। हरिद्वार से दर्शन करने गए 25 श्रद्धालुओं के दल में यह घटना घटी जिसमें दो लोग घायल भी हुए। शवों को ले जाते समय एंबुलेंस खराब होने से और भी परेशानी हुई।

जागरण टीम, बदायूं। उत्तराखंड के मनसा देवी में चढ़ाई के दौरान हुई भगदड़ में दातागंज क्षेत्र के गांव उरैना निवासी बुजुर्ग दंपती की मृत्यु हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दंपती समेत यहां के पांच लोग भगदड़ में फंस गए थे। बताया कि हादसा करंट फैलने की अफवाह के कारण मची। हादसे की सूचना मिलने के बाद गांव में सभी चिंतित थे कि तभी बुजुर्ग दंपती की मृत्यु की सूचना आई, जिसके बाद से कोहराम मचा हुआ है।
दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव ऊरैना, आनंदपुर, नथनीपुर गांव के करीब 25 श्रद्धालु हरिद्वार गंगा स्नान करने गए थे। वहीं से सभी लोग मां मनसा देवी के दर्शन करने शनिवार रात सात बजे निकले। कैंपर गाड़ी मालिक सुनील खुद गाड़ी चला कर लेकर गए थे।
दातागंज के गांव उरैना, आनंदपुर और नथनीपुर से गए थे 25 श्रद्धालु
सुनील ने बताया कि सुबह साढ़े चार बजे हरिद्वार पहुंचे। गाड़ी पार्किंग में खड़ी करके स्नान करने के लिए निकल गए। हर की पैड़ी पर स्नान करने के बाद मां मनसा देवी के दर्शन करने को निकले। इसके बाद वापस घर आना था। सुनील ने बताया कि वह दर्शन करने नहीं गया गया था। जबकि राम भरोसे (70) उनकी पत्नी शांति देवी (68), भूपेंद्र (15), छनने लाल (38) पहले दर्शन करने सीढ़ियों से चले गए थे। बाकी लोग पीछे से गए।
मंदिर में फैली अफवाह से मची भगदड़
सुनील ने बताया, कि मंदिर के नजदीक थे अचानक अफवाह फैली की करंट दौड़ गया है। इससे पैदल मार्ग और सीढ़ियों पर भगदड़ मच गई। जिसमें पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा। दर्जनों लोग घायल थे। सभी को इलाज के लिए भिजवाया गया। जहां रामभरोसे और उनकी पत्नी शांति देवी को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
हादसे में इन घायलों को मिली छुट्टी
हादसे में छनने, भूपेंद्र घायल हो गए थे, उनको इलाज के बाद छुट्टी दे गई। उन्होंने जब गांव वालों को सूचना दी तब रामभरोसे के स्वजन को जानकारी हुई। इसके बाद से उनके घर के बाहर लोगों का तांता लगा हुआ है।
पीछा नहीं छोड़ रही परेशानी
गाड़ी चालक सुनील ने बताया पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव को सुपुर्दगी में दे दिया। उनके शव को एंबुलेंस से लाया जा रहा था। लेकिन परेशानी पीछा नहीं छोड़ रही है। हरिद्वार से 15 किलोमीटर निकालने के बाद एंबुलेंस खराब हो गई। दूसरी गाड़ी बुलाई तो उसमें दो डेड बॉडी नहीं आई। बाद में तीसरी एंबुलेंस बुलाई गई तब रवाना हो पाए।
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