Haridwar Stampede: मनसा देवी मंदिर मार्ग पर 34 साल पहले भी हुई थी बड़ी दुर्घटना, गई थी पांच लोगों की जान
Haridwar Stampede हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर मार्ग पर पहले भी दुर्घटनाएं हुई हैं। 1991 में भगदड़ में पांच लोगों की जान गई थी। जांच आयोग ने अतिक्रमण को मुख्य कारण बताया था। 2011 2017 और 2019 में भी भीड़ और तकनीकी खराबी के कारण श्रद्धालु परेशान हुए थे। सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है। विस्तार से पढ़ें।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार । हरिद्वार में इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई है। मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की यह दूसरी बड़ी घटना है। वरिष्ठ पत्रकार गोपाल रावत ने बताया कि 1992 के अर्धकुंभ से ठीक एक महीना पहले दिसंबर 1991 में भी मनसा देवी की इन्हीं सीड़ियों पर भगदड़ हुई थी, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे।
तब भी प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि अधिक भीड़ होने के कारण मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए थे, जिस कारण भगदड़ मच गई।
1991 की दुर्घटना की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जांच आयोग गठित किया गया था उसकी रिपोर्ट में मनसा देवी मंदिर परिसर में अतिक्रमण को मुख्य कारण बताया गया था। आयोग ने मंदिर परिसर में फूल प्रसाद की दुकान, रेस्टोरेंट तथा वहां लगी पानी की टंकी को हटाने की सिफारिश की थी।
अन्य घटनाएं
- जुलाई 2011 – श्रावण मास के दौरान लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, जिससे मंदिर परिसर और सीढ़ी मार्ग पर भीषण भीड़ लगी। घंटों कतार में खड़े रहने के कारण कई श्रद्धालु बेहोश हो गए। दम घुटने और अस्थमा के लक्षणों से कई लोगों को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ी।
- जुलाई 2017 -मंदिर तक जाने वाली रोपवे सेवा में अचानक तकनीकी खराबी आ गई, जिससे दर्जनों ट्रॉली हवा में अटक गईं। गर्मी और डर के कारण कई श्रद्धालु घबराकर बेहोश हो गए। सेवा कुछ घंटों में बहाल कर दी गई।
- अगस्त 2019 – वर्षा के बाद मंदिर की सीढ़ियों पर फिसलन हुई। जिससे कई श्रद्धालु फिसलकर चोटिल हुए।
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