आजमगढ़ में देर रात ड्रोन उड़ने से गांवों में दहशत, ग्रामीण रातभर पहरा देने को मजबूर
आजमगढ़ के कई गांवों में रात में ड्रोन उड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं। खनियरा सिकरौरा जैसे गांवों के लोगों को रात भर छतों पर पहरा देना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने डायल 112 पर सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एक ड्रोन को ग्रामीणों ने ईंट मारकर तोड़ दिया।

जागरण, संवाददाता, लालगंज (आजमगढ़)। पश्चिम उत्तर प्रदेश में रात भर ड्राेन उड़ाने की घटनाओं का दौर पूरब तक आ पहुंचा है। इसी कड़ी में देवगांव कोतवाली के खनियरा (आहिलपार), सिकरौरा, तिरौली सहित कई गांवों में पिछले चार-पांच दिनों से रात के समय ड्रोन उड़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों का कहना है कि ड्रोन की रोशनी रात में लगातार दिखाई दे रही है, जिससे उन्हें अपने घरों की छतों पर रातभर पहरा देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उनका मानना है कि रात में ड्रोन उड़ाने के पीछे कोई साजिश है और संभवतः कोई शातिर व्यक्ति बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
सोमवार की रात लगभग 11 बजे खनियरा गांव में ड्रोन देखा गया। इसकी सूचना तुरंत डायल 112 पर दी गई। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो ड्रोन उड़ाने वाला अज्ञात बाइक सवार वहां से भाग खड़ा हुआ। ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा के लिए छत से ईंट फेंककर एक ड्रोन को तोड़ दिया। खनियरा गांव के निवासी बृजलाल यादव, अखिलेश, राकेश, कैलाश यादव, अमन, सूबेदार, शंकर, शंभु सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि चोरी के डर से वे पूरी रात पहरा दे रहे हैं।
इस मामले में देवगांव कोतवाल विमल प्रकाश राय ने कहा कि रात में ड्रोन उड़ने की सूचना मिली है और यह मामला उनके संज्ञान में है। उन्होंने बताया कि जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों की चिंता को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के उपायों को बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल उनकी सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। वे चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द समाधान निकाले। ड्रोन उड़ाने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने की मांग भी की जा रही है।
इस घटना ने ग्रामीणों के बीच एक नई चिंता को जन्म दिया है, जिससे उनकी रातों की नींद उड़ गई है। वे अब अपने गांवों में सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क हो गए हैं और प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन को सक्रियता दिखानी होगी, ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके और ग्रामीणों का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके।
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