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    Azamgarh Shreya Tiwari Case: श्रेया मामले में आरोपितों ने नोटिस का नहीं दिया जवाब, अब क्या होगी कार्रवाई?

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Wed, 30 Aug 2023 02:37 PM (IST)

    Azamgarh Shreya Tiwari Case श्रेया तिवारी आत्महत्या के मामले में आरोपितों की रिहाई के विरुद्ध दाखिल निगरानी में मंगलवार को सुनवाई टल गई। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि निर्धारित की है। चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल की छत की तीसरी मंजिल से कूदकर छात्रा श्रेया तिवारी की आत्महत्या के मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन नोटिस का जवाब न आने पर सुनवाई टल गई।

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    Azamgarh Shreya Tiwari Case: श्रेया मामले में आरोपितों ने नोटिस का नहीं दिया जवाब, अब क्या होगी कार्रवाई?

    Azamgarh Shreya Tiwari Case । जागरण संवाददाता, आजमगढ़: श्रेया तिवारी आत्महत्या के मामले में आरोपितों की रिहाई के विरुद्ध दाखिल निगरानी में मंगलवार को सुनवाई टल गई। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि निर्धारित की है।

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    चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल की छत की तीसरी मंजिल से कूदकर छात्रा श्रेया तिवारी की आत्महत्या के मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। कोर्ट द्वारा जारी नोटिस के जवाब में आरोपितों की तरफ से कोई जवाब नहीं दाखिल किया गया। ऐसे में अदालत ने मामले में अगली तिथि निर्धारित कर दी।

    विदित हो कि चिल्ड्रेन स्कूल की छात्रा श्रेया तिवारी ने 31 जुलाई को स्कूल की तीसरी मंजिल से कूद कर जान दे दी थी। इस मामले में गिरफ्तार किए गए प्रिंसिपल सोनम मिश्रा तथा क्लास टीचर अभिषेक राय को विवेचना अधिकारी की रिपोर्ट पर नौ अगस्त को सीजेएम ने रिहा करने का आदेश दिया था। इस आदेश के विरुद्ध श्रेया तिवारी के पिता ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की थी।

    क्‍या है पूरा मामला?

    31 जुलाई को कक्षा 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी के पास मिले मोबाइल फोन पर क्लास टीचर व प्रिंसिपल ने गहन पूछताछ की थी। साथ ही स्वजन को बुलाने की बात को लेकर उसे प्रिंसिपल रूम के बाहर खड़ा किया था। कुछ देर बाद छात्रा ने स्कूल की तीन मंजिला छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

    मृत छात्रा के पिता द्वारा लगाए गए आरोप की जांच के बाद सिधारी पुलिस ने हत्या की धारा बदलकर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया था। प्रिंसिपल व क्लास टीचर को पुलिस ने जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद आईजी अखिलेश कुमार के आदेश पर विवेचना मऊ के सीओ नगर को सौंपी दी गई थी।