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    भाभी की पथरी का आपरेशन कराने आया देवर, मौत के बाद प‍र‍िजनों ने क‍िया हंगामा

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 04:21 PM (IST)

    Azamgarh news आजमगढ़ के फूलपुर में एक महिला की पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के दौरान एक निजी क्लिनिक में मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाद में प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव में उन्होंने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया।

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    जिसके बाद इलाके में दो लाख रुपये में शव का सौदा करने की अफवाह फैल गई।

    जागरण संवाददाता (फूलपुर), आजमगढ़। फूलपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर निवासी माधुरी विश्वकर्मा उम्र 41 वर्ष, पत्नी संदीप विश्वकर्मा का यशलोक क्लीनिक पर इलाज चल रहा था जहां पर ये जानकारी हुई की पित्ताशय में पथरी है। यशलोक क्लिनिक के डा मनोज द्वारा आपरेशन कराने की सलाह दी गई और आपरेशन की सुविधा अपनी क्लिनिक पर देने की बात की गई।

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    16 अगस्त दिन शनिवार शाम तकरीबन तीन बजे डा एम ज़ेड सिद्दीकी द्वारा महिला का यशलोक क्लीनिक पर पित्त की थैली में पथरी का आपरेशन किया गया। 17 रविवार की भोर में चार बजे मृत्यु होने के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने घर और गांव पर सूचना दिया। परिजनों अस्पताल पहुंचे और डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

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    यशलोक क्लीनिक से 112 पुलिस को सूचना दी मौके पर 112 और थाना पुलिस पहुंची और कार्यवाही के आश्वासन पर हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कराया। इस बीच डाक्टर द्वारा क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों को अपने यहां बुलवा लिया, प्रभावशाली व्यक्तित्यों के दबाव में परिजनों ने कोई कार्रवाई न करने का लिखित पत्र थाना कोतवाली को दे दिया। 

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    मृतका का पति संदीप विश्वकर्मा पुत्र मदन बैंगलुरू में नौकरी करता है। मृतका को एक आठ साल की लड़की हिंजल आठ वर्ष, लड़का आरव चार वर्ष का है। इस सम्बन्ध में कोतवाली प्रभारी फूलपुर सच्चिदानन्द से बात करने पर बताया गया कि जानकारी हुई कि यशलोक क्लिनिक पर विवाद है सूचना पर पहुंची पुलिस को मृतिका का देवर प्रदीप पुत्र मदन ने लिखित दिया कि मृतिका मेरी भाभी है हम पोस्टमार्टम या किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं चाहते हैं।

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    वैसे भी तहसील क्षेत्र के अगल बगल ऐसे दर्जनों क्लीनिक हैं जहां पर भाड़े के डाक्टरों द्वारा आपरेशन कराया जाता है आपरेशन के बाद अप्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा देख भाल किया जाता है जिसके कारण आपरेशन के बाद गम्भीर स्थिति में मरीजों के आने के बाद स्थिति का नियंत्रण अप्रशिक्षित व्यक्ति नहीं कर पाते जिससे मृत्यु के रूप में ऐसी स्थिति होती है। प्रायः शनिवार, रविवार को ऐसे क्लिनिकों पर मरीजों का जमावड़ा होता है और देखा गया है कि सरकारी अस्पताल में पहले तैनात रहे डाक्टरों के द्वारा अन्य जनपदों से आकर मरीजों का आपरेशन किया जाता है। 

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