टाटा कैंसर अस्पताल वाराणसी में जांच और सर्जरी के लिए घटेगा इंतजार, नई सुविधाएं शुरू
वाराणसी के टाटा कैंसर अस्पताल में जांच और सर्जरी के लिए अब कम इंतजार करना होगा। यहां रोबोटिक सर्जरी यूनिट और रेडिएशन व सीटी स्कैन की तीन नई मशीनें लगाई गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में इनका ऑनलाइन लोकार्पण किया। इन सुविधाओं से पूर्वांचल के मरीजों को उन्नत इलाज मिलेगा इलाज की गति बढ़ेगी।

मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी। कैंसर के उपचार के लिए पूर्वांचल, बिहार, झारखंड आदि राज्यों के मरीजों को टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई जाना पड़ता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर काशी में 2019 में टाटा कैंसर अस्पताल शुरू हो गया। अब धीरे-धीरे यहां सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
यहां रोबोटिक सर्जरी यूनिट, दो अत्याधुनिक लीनेक एक्सलरेटर (रेडिएशन मशीन) व एक सीटी स्कैन मशीन लगाई गई है। 70 करोड़ रुपये की इन मशीनों का आनलाइन लोकार्पण पीएम ने बीते दो अगस्त को काशी दौरे के समय किया था। इससे वाराणसी स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) के कैंसर के मरीजों को उन्नत, सुलभ एवं समयबद्ध इलाज की सुविधा मिलेगी। इलाज की गति, सटीकता और गुणवत्ता में सुधार होगी। जांच व सर्जरी की वेटिंग भी कम होगी।
पूर्वांचल का पहला केंद्र होगा जहां होगी रोबोटिक सर्जरी
महामना कैंसर केंद्र पूर्वांचल का पहला ऐसा अस्पताल बन गया है, जहां कैंसर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे जटिल सर्जरी अब अधिक सटीकता, कम समय और न्यूनतम जोखिम के साथ की जा सकेगी। यह तकनीक विशेष रूप से यूरीनरी सिस्टम (यूरोलाजी), सिर व गर्दन (हेड एंड नेक) तथा पेट से संबंधित कैंसर के मामलों में अत्यधिक प्रभावी साबित होगी। इसके साथ ही मरीजों की रिकवरी प्रक्रिया तेज होगी और उन्हें अस्पताल में कम समय तक रुकना पड़ेगा। मंत्रा रोबोटिक यूनिट के नाम से मशहूर ये तकनीक मेक इन इंडिया है।
रेडिएशन मशीनों से इलाज की प्रतीक्षा होगी कम
- रेडिएशन थेरेपी (विकिरण चिकित्सा) कैंसर उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है। ज्यादातर मरीजों को किसी न किसी चरण में रेडिएशन की आवश्यकता होती है। वर्तमान में अस्पताल में चार रेडिएशन मशीनें कार्यरत थी, जो मरीजों की तुलना में अपर्याप्त थीं। इससे इलाज में अनावश्यक देरी हो रही थी। इस स्थिति को देखते हुए, हाल ही में अस्पताल में दो नई लीनियर एक्सलरेटर (रेडिएशन मशीन) की स्थापना की गई है। इनमें से एक मशीन के लिए प्रदेश की योगी सरकार की ओर से 31.63 करोड़ राशि प्रदान की गई है। इन मशीनों के संचालन से मरीजों को शीघ्र उपचार मिल सकेगा, जिससे न केवल उनका जीवन बेहतर होगा, बल्कि कैंसर प्रबंधन में भी एक महत्वपूर्ण सुधार आएगा।
जांच प्रक्रिया में आएगी तेजी
- कैंसर के सफल उपचार में सटीक और समय पर जांच की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसी उद्देश्य से अस्पताल में एक अतिरिक्त अत्याधुनिक 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन की स्थापना की गई है। इससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और प्रतीक्षा सूची में उल्लेखनीय कमी आएगी। इसका सीधा लाभ उन मरीजों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और निजी अस्पतालों की महंगी जांच सेवाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते।
बोले अधिकारी
सीएसआर फंड से 73.30 करोड़ के अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किए गए हैं, जिससे उपचार क्षमता को एक नई ऊंचाई मिलेगी। यह पहल न केवल क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा को सशक्त बनाएगी, बल्कि भारत में कैंसर उपचार की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी।
- प्रो. सत्यजीत प्रधान, निदेशक, एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच
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