सड़क को फोरलेन करने से परिक्रमा पथ दिख रहे हैं कई बदलाव, गायब हो गये रामायणकालीन पौधे
अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा पथ पर लगे रामायणकालीन पौधे विस्तारीकरण में गायब हो गए। अखिलेश सरकार में लगाए गए ये पौधे अब दिखाई नहीं देते। अधिकारियों ने इस बारे में अनभिज्ञता जताई है जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि पौधों को काटा गया है। छावनी क्षेत्र में कुछ पौधे अभी भी संरक्षित हैं।

जागरण संवाददाता,अयोध्या। पंचकोसी व 14 कोसी परिक्रमा पथ पर लगाये गए रामायणकालीन पौधे विस्तारीकरण में गायब हो गये। ये पौधे पारिजात, अशोक, पीपल, जामुन व बरगद आदि के थे। परिक्रमा पथ पर इन पौधों को अखिलेश शासनकाल में रोपा गया था और खूब प्रचारित भी किया गया था।
श्रद्धालुओं के बैठने के लिए पत्थर की बेंचें भी उसी समय लगी थीं जो सिविल लाइन क्षेत्र में परिक्रमा पथ पर देखने को मिलेंगी। परिक्रमा पथ के विश्रामालय इससे अलग हैं।
तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी का कहना था कि रामायणकालीन पौधों का रोपण कराने का मकसद परिक्रमा में आये श्रद्धालुओं को रामायण कालीन वृक्षों की याद दिलाना है। ये अखिलेश सरकार ही नहीं योगी सरकार के पार्ट-दो में भी परिक्रमा पथ पर उसी तरह ट्री गार्ड में संरक्षित रहे। लेकिन परिक्रमा पथ के विस्तारीकरण में गायब हो गये।
हम बात कर रहे हैं सिविल लाइन में परिक्रमा पथ के विस्तारीकरण की। इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग का निर्माण खंड-तीन फोरलेन बना रहा है। ये पौधे जिलाधिकारी आवास की बाउंड्रीवाल के किनारे परिक्रमा पथ पर लगाये गए थे। विस्तारीकरण के अलावा उस ओर ड्रेनेज का निर्माण होने से ये पौधे जो वृक्ष का रूप लेने लगे थे, अब नजर ही नहीं आते, उनके ट्री गार्ड भी गायब हैं।
हैरत की बात तो ये है कि कार्यदायी संस्था के अधिशासी अभियंता सत्यपाल परिक्रमा पथ पर वन विभाग के पौधारोपण से अनभिज्ञता जताते हैं। उनका कहना है कि एक वर्ष से वह हैं, कभी ट्री गार्ड में संरक्षित पौधे दिखाई नहीं पड़े। आसपास के लोगों का आरोप है कि बैट्री चलित मशीन से रात में काट कर उन्हें साफ कर दिया गया।
वहीं, छावनी क्षेत्र में निर्मली कुंड से जमथरा की ओर जाने वाले परिक्रमा पथ पर बड़ी संख्या देशी अशोक के पेड़ ट्री गार्ड में संरक्षित मिलेंगे। ट्री गार्ड पर वन विभाग से रोपित पौधों के नाम के अलावा परिक्रमा मार्ग वृक्षारोपण की प्लेट भी उन पर लगी है।
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