Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Milkipur By Election: परिवारवाद को आईना द‍िखा मिल्कीपुर ने चुनी विकास की राह, 60 हजार वोटों से ख‍िला 'कमल'

    Milkipur By Election उपचुनावों का फैसला भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आया है। कुल तीस राउंड की मतगणना में बीजेपी के प्रत्याशी चद्रभानु पासवान 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ चंद्रभानु पासवान के रूप में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र को अपना 18वां जनप्रतिनिधि मिल गया है। समाजवादी प्रत्याशी अजीत प्रसाद को करीब 80 हजार वोट मिले हैं।

    By Vrinda Srivastava Edited By: Vrinda Srivastava Updated: Sun, 09 Feb 2025 09:29 AM (IST)
    Hero Image
    मिल्कीपुर की जनता ने चुनी विकास की राह।

     जागरण संवाददाता, अयोध्या। मिल्कीपुर की जनता ने इस बार विकास को चुना है। जातिगत समीकरणों को ध्वस्त कर दिया है। भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास के वादों पर भरोसा व्यक्त किया है। क्योंकि मिल्कीपुर जबसे विधानसभा क्षेत्र बना, विकास के लिए तरस रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1967 में पहली बार विधानसभा क्षेत्र के रूप में गठित होने के बाद से पहला विधायक कांग्रेस का चुना गया। इस क्षेत्र को सामंतशाही के विरुद्ध खड़ा करने के नाम पर अपने अभेद्य दुर्ग के रूप में तत्कालीन भाकपा नेता मित्रसेन ने तब्दील कर लिया था। केवल दो बार लहरों में वह चुनाव हारे, अन्यथा उनका, उनके परिवार या उनके चहेते का ही इस सीट पर चयन होता रहा।

    क्षेत्र में था सुविधाओं का अभाव

    यह क्षेत्र सामंतवाद के ल‍िए कितना लड़ सका यह तो कहा नहीं जा सकता। हां, विकास से अवश्य वंचित रहा। इस क्षेत्र में तैनात किए जाने वाले अधिकारी कर्मचारी अपने को सजायाफ्ता मानते रहे। क्षेत्र में सुविधाओं का अभाव इस क्षेत्र को दुर्गम बनाता था और जिसकी भी तैनाती इस क्षेत्र में हो जाती थी, वह येनकेन प्रकारेण यहां से भागना चाहता था।

    रायबरेली-अयोध्या मार्ग बनने से आया बदलाव

    जिले के अफसर भी किसी को धमकाते थे तो इस क्षेत्र के विकासखंडों में स्थानांतरण का भय दिखाते थे। विकास के नाम पर मित्रसेन यादव के आंदोलनकारी तेवर से केवल एक कृषि विश्वविद्यालय बन सका। उसके बाद से कोई और बड़ी योजना इस क्षेत्र में नहीं आई। भाजपा सरकार में रायबरेली-अयोध्या मार्ग बनने की प्रक्रिया से इस क्षेत्र में थोड़ा बदलाव आया।

    व‍िकास के ल‍िए जनता ने क‍िया मतदान

    सपा सरकार के कार्यकाल में बना पूर्वांचल एक्सप्रेस वे इस क्षेत्र को छूकर निकला तो थोड़ा यातायात इस सड़क पर तेज हुआ। विकास को तरसते इस क्षेत्र ने परिवारवाद को भी देखा और दूसरी सरकारों को भी। इस बार उसके लिए निर्णय की घड़ी थी, वह फिर परिवारवाद की तरफ जाए या फिर अपने विकास के लिए मतदान करे।

    भाजपाइयों ने क‍िया न‍िरंतर दौरा

    विकास को लेकर भाजपा पर यह भरोसा अनायास नहीं पैदा हुआ। अयोध्या में लोकसभा चुनाव की हार के बाद से स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने निरंतर दौरों से इसका सृजन किया। वह निरंतर यहां आते रहे। भाजपा के मंत्रियों और पदाधिकारियों से यहां निरंतर संपर्क बनाने के लिए योजना के अनुसार उनके दौरे यहां लगते रहे।

    मतदाताओं ने द‍िया संदेश

    भाजपा के मंत्रियों के सतत दौरों से यहां के मतदाताओं ने साफ संदेश दे दिया कि विकास चाहिए तो हमारे साथ आइए। विपक्ष और खासतौर से समाजवादी पार्टी ने जहां जातिगत समीकरण से चुनाव जीतने के लिए पीडीए का दांव खेला था। इस दांव से लोकसभा चुनाव में उसे ऐतिहासिक जीत भी मिली थी।

    उलटा पड़ गया दांव

    यहां यह दांव उलटा पड़ गया, क्योंकि क्षेत्र के मतदाता 1977 से इन्हीं चेहरों को देखा था। भाजपा की इस आश्वस्ति ने ना केवल पार्टी के लिए क्षेत्र में संजीवनी का काम किया, बल्कि परिवारवाद को भी साफ नकार दिया। सेन परिवार के बाद यह क्षेत्र किसी और परिवार की जागीर नहीं बनेगा, यह संदेश भी दिया।

    कुल तीस राउंड की मतगणना में बीजेपी के प्रत्याशी चद्रभानु पासवान 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ चंद्रभानु पासवान के रूप में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र को अपना 18वां जनप्रतिनिधि मिल गया है।

    यह भी पढ़ें: Milkipur By Election result LIVE: दिल्ली के बाद यूपी में बीजेपी समर्थकों के चेहरे खिले, मिल्कीपुर में चंद्रभानु ने दर्ज की बड़ी जीत

    य‍ह भी पढ़ें: Milkipur Bypoll 2025 result: मिल्कीपुर उपचुनाव की जीत से भाजपा के हौंसले बुलंद, सीएम योगी ने जाहिर की खुशी; कही ये बड़ी बात