अयोध्या दीपोत्सव की पहचान होंगे राम की पैड़ी पर बन रहे विशालकाय दीपक, तैयार करने की तय हुई डेडलाइन
अयोध्या में राम की पैड़ी पर दीपोत्सव के लिए छह विशालकाय दीपक बनाए जा रहे हैं। पत्थर के ये दीपक तेल और बिजली दोनों से जलेंगे हालांकि अभी तेल से जलाने की योजना है। 10 अक्टूबर तक इन्हें तैयार करने का लक्ष्य है ताकि ये दीपोत्सव के आकर्षण का केंद्र बनें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव में भाग लेंगे। राम की पैड़ी का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामकी पैड़ी पर छह विशालकाय दीपक बनाये जा रहे हैं। ये दीपोत्सव के प्रतीक होंगे। पत्थर के इन दीपकों का निर्माण अंतिम चरण में है। बिहार के शिल्पकार इन्हें अंतिम रूप देने में लगे हैं। इनके निर्माण के पीछे मंशा इनको दीपोत्सव के आकर्षण का केंद्र बनाने की है। इनकी विशेषता तेल व बिजली दोनों से जलने की है।
बिजली से जलाने के लिए दो प्रोजेक्टर लगाने होंगे। दीपोत्सव से पहले प्रोजेक्टरों की स्थापना की संभावना धूमिल होने से प्रयास तेल से जलाने का है। उच्चस्तर पर इस संबंध में मंत्रणा जारी है। इन्हें तैयार करने की डेडलाइन 10 अक्टूबर तय की गई है।
इसे तय समय से पहले इनको तैयार किया जाना है, जिससे दीपोत्सव में ये दीप लोगों के आकर्षण का केंद्र बन सकें। दीपोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आते हैं। यूपीपीसीएल करीब 15 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी का सुंदरीकरण करा रहा है।
दीपोत्सव से पहले सुंदरीकरण से जुड़े कार्य पूर्ण होने की संभावना क्षीण हो चली है। दीपोत्सव की दृष्टि से महत्वपूर्ण निर्माणों को उससे पहले पूर्ण कराने की तैयारी है। कार्यदायी संस्था के सहायक परियोजना प्रबंधक (एपीएम) अजय कुमार मिश्र के अनुसार राम की पैड़ी पर ऐसे दीपकों का निर्माण कराया जा रहा है जो दीपोत्सव की पहचान बनेंगे।
ये तेल से ही नहीं बिजली से भी जलाये जा सकेंगे। दीपोत्सव से पहले बिजली से जलाने के लिए प्रोजेक्टर आदि की स्थापना न हो पाने से इन्हें तेल से जलाने पर मंथन उच्च स्तर पर जारी है। उच्च स्तर पर निर्णय के बाद ही जलाने के बारे में अंतिम निर्णय होगा।
अभी छतरी, राम, लक्ष्मण व सीता के स्तंभ का भी निर्माण होना है, जो कार्य पूर्ण नहीं हो पायेंगे, उनको दीपोत्सव के बाद कराया जाएगा। सुंदरीकरण में सीढ़ियों आदि का निर्माण तेजी से चल रहा है। सीढ़ियों का इस्तेमाल ओपेन थियेटर के रूप में भी किया जा सकेगा।
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