हो गई घोषणा! अयोध्या में इस दिन होगी राम दरबार की स्थापना; जून में सभी मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा
Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना 30 अप्रैल को होगी। जून में सभी मंदिरों में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। जयपुर से 15 अप्रैल के बाद मूर्तियां अयोध्या पहुंचने लगेंगी। राम दरबार की मूर्तियां 30 अप्रैल को यथास्थान रखी जाएंगी। परिसर में त्यागराज पुरंदरदास और आंध्रप्रदेश के एक अन्य संत सहित गिलहरी की प्रतिमाएं भी लगेंगी।

जागरण संवाददाता, अयोध्या । Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना अक्षय तृतीया के दिन 30 अप्रैल को हो जाएगी। रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन सभी सहायक मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा सभी ट्रस्टियों की उपस्थिति में जून माह में होगी।
यह आयोजन तीन दिवसीय होगा। सभी मंदिरों में स्थापित होने वालीं मूर्तियों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। जयपुर से 15 अप्रैल के बाद मूर्तियां अयोध्या आने लगेंगी। केवल शेषावतार मंदिर में निर्माण पूरा होने के बाद सबसे अंत में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
श्रृंगार के लिए आभूषण हो रहे तैयार
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बुधवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि सभी मूर्तियाें के वस्त्र, श्रृंगार के लिए आभूषण आदि तैयार हो रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के त्रिदिवसीय आयोजन का जो भी मुख्य दिन तय होगा, उससे दो दिन पहले जलवास, अन्नवास, औषधिवास व शैय्या आदि के आयोजन शुरू हो जाएंगे।
उन्होंने बताया, 15 अप्रैल के बाद देवी-देवताओं (सूर्यदेव, भगवती, अन्नपूर्णा, भगवान शंकर, भगवान गणेश व हनुमान जी) के छह मंदिरों और सप्तर्षियों (महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, निषादराज, शबरी व अहिल्या) के सात मंदिरों सहित अन्य 18 मूर्तियां अयोध्या पहुंचने लगेंगी।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय. Jagran
जयपुर में मकराना के सफेद मार्बल से बन रहीं मूर्तियां लगभग तैयार हो गई हैं। जैसे-जैसे यह आती जाएंगी, इन्हें मंदिरों के समीप क्रेन व श्रमिकों के माध्यम से रखवा दिया जाएगा। फिर जून माह में त्रिदिवसीय आयोजन कर प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी। इससे पहले अक्षय तृतीय के दिन 30 अप्रैल को राम दरबार की मूर्तियां यथास्थान रखी जाएंगी। इन कार्यों को मुख्य कार्यदायी एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो संपादित करेगी।
शेषावतार मंदिर बन रहा है, इसलिए इसमें प्राण प्रतिष्ठा बाद में होगी। जब यह कार्य शुरू होगा, तब परिसर से समस्त टावर क्रेन हटा दी जाएंगी। तत्पश्चात परकोटा (चहारदीवारी) का उत्तर व दक्षिण दिशा में अधूरा पड़ा निर्माण शुरू होगा। यह क्रेन के आवागमन के लिए छोड़ा गया है। महासचिव ने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर के चार द्वार बन रहे हैं।
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उत्तरी द्वार व वीवीआइपी गेट संख्या-11 का निर्माण हो जाने के बाद गेट संख्या तीन व रामजन्मभूमि पथ के प्रवेश द्वार का निर्माण प्रारंभ होगा। इन चारों द्वारों के नाम इस प्रकार से रखे जाएंगे, जिससे संपूर्ण भारत की आध्यात्मिक एकात्मकता का प्रकटीकरण हो। देश में चार परंपराएं रामानुज, शंकराचार्य, माधवाचार्य व रामानंदाचार्य हैं, जिनसे संपूर्ण भारत की एकात्मकता प्रदर्शित होती है।
परकोटे का निर्माण अक्टूबर 2025 तक कार्य पूरा हो जाएगा। यदि एक-दो महीने का समय और लगेगा तो इसे रोलिंग पीरियड माना जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिरों के शिखर बन रहे हैं। कलश का पूजन हो गया है। अब जैसे-जैसे तैयारी होगी, इनकी स्थापना होती रहेगी। शिखरों पर लगने वाले ध्वज दंड भी तैयार हैं।
सारे ध्वज दंड आ चुके हैं। बाद में इनका भी सामूहिक पूजन कर स्थापना होगी। चंपतराय ने बताया कि परिसर में त्यागराज, पुरंदरदास और आंध्रप्रदेश के एक अन्य संत सहित गिलहरी की प्रतिमाएं भी लगेंगी। गिलहरी की प्रतिमा कांस्य की होगी।
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