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    रिश्तेदारी की आड़ में हैवानियत: युवती से 25 दिन तक दरिंदगी, दोषी को 11 साल की कैद

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 08:33 PM (IST)

    अयोध्या में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश दीपक यादव ने एक रिश्तेदार को दुष्कर्म के मामले में 11 साल की कैद की सजा सुनाई। संजय कुमार नामक व्यक्ति ने रिश्तेदारी का फायदा उठाकर एक युवती को नशीली चाय पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। उसे धारा 376 और 323 के तहत सजा सुनाई गई है जिसमें जुर्माना भी शामिल है।

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    युवती से दरिंदगी के दोषी को 11 साल की कैद।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    संवाद सूत्र, अयोध्या। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट तृतीय दीपक यादव ने रिश्तेदारी की आड़ में युवती के साथ कई दिनों तक दुष्कर्म करने वाले हैवान को 11 साल की कठोर कैद की सजा सुनायी है। आरोपित संजय कुमार को न्यायालय ने धारा 376 आईपीसी में 10 साल की जेल और 50 हजार रुपये जुर्माना, वहीं धारा 323 आईपीसी में एक साल की कैद व एक हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है। दोषी की सभी सजाएं साथ चलेंगी और उसे एक अपराध में अधिकतम 10 वर्ष का कारावास भुगतना होगा।

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    झूठे फोन से बुलाया, चाय में नशा पिलाकर ले गया

    विशेष लोक अभियोजक अभिषेक रघुवंशी के अनुसार घटना 15 मार्च 2015 की है। रिश्तेदारी की आड़ लेकर घर आने-जाने वाले संजय ने युवती से अपनी निकटता का फायदा उठा कर उसे अपने जाल में फंसा लिया। घटना वाले दिन युवती को फोन पर फुसलाया कहा कि तुम्हारी मौसी बीमार हैं, जल्दी आओ। जैसे ही लड़की घर से निकल कर सड़क पर गई आरोपित ने उसे अपनी कार में बिठा लिया। आरोपित ने युवती को बाईपास के नीचे चाय पिलाई। चाय पीते ही युवती बेहोश हो गई और फिर दरिंदगी का खेल शुरू हुआ। घटना की प्राथमिकी अयोध्या कोतवाली में 16 मार्च को युवती के पिता ने दर्ज कराई।

    प्रयागराज और चित्रकूट ले जाकर की दरिंदगी

    पीड़िता ने न्यायालय में बयान दिया कि उसके मामा का साला संजय उसे अपनी मारुति कार से पहले प्रयागराज और फिर चित्रकूट ले गया। वहां अलग-अलग कमरों और झोपड़ी में कैद करके लगातार 25 दिनों तक जबरन दुष्कर्म किया। विरोध करने पर आरोपी मारपीट करता और जान से मारने की धमकियां देता था। करीब 25 दिन बाद 11 अप्रैल को पुलिस ने अयोध्या में दर्शननगर स्थित ट्रामा सेंटर के पास से पीड़िता को आरोपित के कब्जे से छुड़ाया और उसे गिरफ्तार किया।

    आरोपित ने न्यायालय में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसने वादी को 50 हजार रुपये उधार दिए थे और पैसे मांगने पर फंसाने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि न्यायालय में यह आरोप साबित नहीं हो सका। न्यायालय ने आरोपित को पॉक्सो एक्ट व अपहरण के आरोप में दोषमुक्त करते हुए दुष्कर्म व मारपीट में सजा सुनाई। जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।

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